पीटीआई, विंडहोक। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को नामीबिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान समानता, स्वतंत्रता और न्याय को बनाए रखने में मार्गदर्शन करता है। जिनके पास कुछ नहीं है, उनके पास संविधान की गारंटी है। उन्होंने कुछ महीने पूर्व पहली महिला राष्ट्रपति चुनने के लिए नामीबिया को बधाई दी। साथ ही कहा कि हम आपके गर्व और खुशी को समझते और साझा करते हैं क्योंकि भारत में हम भी गर्व से मैडम प्रेसिडेंट कहते हैं।
प्रधानमंत्री ने नामीबिया की संसद के संयुक्त सत्र को किया संबोधित
प्रधानमंत्री मोदी ने जब संयुक्त सत्र में अपना संबोधन शुरू किया तो सांसदों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। इस दौरान श्मोदी-मोदीश् के नारे भी लगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के संविधान की ही शक्ति है कि एक गरीब आदिवासी परिवार की बेटी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राष्ट्रपति है। इसी संविधान की शक्ति ने उन जैसे गरीब परिवार में जन्मे व्यक्ति को तीन बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया है।
भारत के 1.4 अरब लोगों की शुभकामनाएं लेकर आया हूं- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा, लोकतंत्र के मंदिर इस गरिमामय सदन को संबोधित करना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। मुझे यह सम्मान देने के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। मैं आपके समक्ष लोकतंत्र की जननी के प्रतिनिधि के रूप में खड़ा हूं और अपने साथ भारत के 1.4 अरब लोगों की शुभकामनाएं लेकर आया हूं। भारत और नामीबिया में बहुत कुछ समान है। हम दोनों ने औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध संघर्ष किया है। हम दोनों ही सम्मान और स्वतंत्रता को महत्व देते हैं। हम ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं और हमारे लोगों की आशा व सपने समान हैं। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच मित्रता के प्रतीक के रूप में नामीबिया का सर्वाेच्च नागरिक पुरस्कार प्राप्त करके वह अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हमारी मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है। मोदी ने कहा कि अफ्रीका केवल कच्चे माल का स्त्रोत नहीं होना चाहिए। अफ्रीका को वेल्यु क्रिएशन और सतत विकास में अग्रणी होना चाहिए।
हमें मिलकर काम करना होगा- पीएम मोदी
उन्होंने कहा, हमें मिलकर काम करना होगा। आइए हम एक ऐसा भविष्य बनाएं जो शक्ति से नहीं, बल्कि साझेदारी से; प्रभुत्व से नहीं, बल्कि संवाद से; बहिष्कार से नहीं, बल्कि समानता से परिभाषित हो। उन्होंने कहा कि भारत रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में अफ्रीका के साथ सहयोग का विस्तार करने के लिए तैयार है। भारत को नामीबिया और इस महाद्वीप के अन्य देशों के साथ अपने विकास के अनुभव साझा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
भारत रक्षा व सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने को तैयार
उन्होंने कहा, 2018 में मैंने अफ्रीका के साथ जुड़ाव के 10 सिद्धांत निर्धारित किए थे। मैं उनके प्रति भारत की पूर्ण प्रतिबद्धता की पुष्टि करता हूं। ये सिद्धांत सम्मान, समानता और पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं। हम प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सहयोग करना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य मिलकर निर्माण करना है। लेना नहीं, बल्कि साथ मिलकर बढ़ना है।
पीएम मोदी ने कहा, अफ्रीका में हमारी विकास साझेदारी 12 अरब डालर से ज्यादा की है। लेकिन इसका असली मूल्य साझा विकास और साझा उद्देश्य में है। हम स्थानीय कौशल का निर्माण, स्थानीय रोजगार का सृजन और स्थानीय नवाचारों को मदद जारी रखेंगे।
हमारे देश में चीतों को फिर से बसाने में हमारी मदद की- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत नामीबिया के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देता है। उन्होंने कहा, भारत और नामीबिया के बीच सहयोग, संरक्षण और करुणा की एक सशक्त कहानी है, जब आपने हमारे देश में चीतों को फिर से बसाने में हमारी मदद की। हम आपके इस उपहार के लिए तहे दिल से आभारी हैं। मुझे उन्हें कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ने का सौभाग्य मिला। उन्होंने आपके लिए एक संदेश भेजा है, सब कुछ ठीक है।
पीएम मोदी ने कहा, वे खुश हैं और अपने नए घर में अच्छी तरह ढल गए हैं। उनकी संख्या भी बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम नामीबिया के विज्ञानियों, डॉक्टरों और नेताओं की अगली पीढ़ी की सहायता करने के प्रति उत्साहित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारा द्विपक्षीय व्यापार 80 करोड़ डॉलर को पार कर गया है, लेकिन क्रिकेट के मैदान की तरह अभी हम वार्मअप कर रहे हैं! हम तेजी से और ज्यादा रन बनाएंगे!
21 तोपों की दी गई सलामी
प्रधानमंत्री मोदी का इससे पहले बुधवार सुबह स्टेट हाउस में औपचारिक स्वागत किया गया था और उन्हें गार्ड आफ आनर दिया गया। उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई थी। दिनभर के कार्यक्रमों के बाद में वह भारतीय समयानुसार बुधवार रात नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।