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बीएचयू के प्रोफेसर ने प्रयागराज के बदमाश को दी थी एचओडी की सुपारी

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बदमाशों को बुलाकर तुड़वाए हाथ, प्रयागराज के सरगना को पुलिस ने मारी गोली

प्रयागराज/वाराणसी (राजेश सिंह)। वाराणसी पुलिस की मंगलवार रात लंका इलाके में बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। फायरिंग कर भागते बदमाश के पैर में पुलिस ने गोली मार कर पकड़ लिया। आरोपी की पहचान प्रयागराज के मेजा निवासी प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी के रूप में हुई है।

पूछताछ में बदमाश सुपारी किलर निकला। उसने में विभागाध्यक्ष प्रो. सीएस रामचंद्र मूर्ति के हाथ-पैर तोड़ने की सुपारी ली थी और गाजीपुर से दो बदमाश बुलवाकर प्रोफेसर को पिटवाया था। 28 जुलाई को हुए इस हमले में विभागाध्यक्ष के दोनों हाथ टूट गए थे। प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी ने बताया कि ठभ्न् में तेलुगु विभाग के प्रोफेसर ने उसे विभागाध्यक्ष प्रो. सीएस रामचंद्र मूर्ति पर हमले के लिए कहा था। हालांकि, वो कौन-सा प्रोफेसर है, पुलिस ने अभी नाम का खुलासा नहीं किया है।

दक्षिण भारत के निवासी पूर्व शोध छात्र के जरिए प्रयागराज के प्रमोद पासी ने योजना बनाई। पहले बाहर पीटने की योजना थी, लेकिन रेकी के बाद विभागाध्यक्ष को  परिसर में ही रॉड से पिटवाया था। मंगलवार रात करीब 10 बजे नुआव क्षेत्र में बदमाश प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी ने लंका पुलिस टीम को देखा तो सड़क छोड़कर दूसरे रास्ते से भागने लगा। संदिग्ध लगने पर पुलिस ने घेरा और रुकने का इशारा किया। फिर आरोपी ने तमंचे से पुलिस पर फायर कर दिया।

पुलिस की फायरिंग में उसके पैर में एक गोली लगी। गोली लगते ही वह जमीन पर गिर गया। पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया और ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। पुलिस के अनुसार, पकड़ा गया आरोपी प्रयागराज के मेजा निवासी प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी है। पुलिस ने उसके पास से एक तमंचा बरामद किया है। आरोपी ने कबूला कि उसने बीएचयू प्रोफेसर पर रॉड से हमला किया था।

पुलिस ने सर्विलांस के जरिए पहले ही प्रोफेसर की भूमिका जान ली थी। अब आरोपी की गिरफ्तारी के बाद प्रोफेसर पर एक्शन लिया जाएगा। आरोपी प्रोफेसर की तलाश में पुलिस ने रात में दबिश दी। डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने बताया- गणेश से दोनों युवकों के बारे में पूछताछ की जा रही है। बीएचयू के प्रोफेसर के इशारे पर पूर्व शोध छात्र के कहने पर गणेश पासी ने पूरी योजना बनाई। एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार और लंका इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा की टीम ने नुआव में आरोपी को दबोचा है। डीसीपी काशी गौरव बंशवाल ने टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। पुलिस अधिकारियों ने बताया- तेलुगु विभाग के एक प्रोफेसर से विभागाध्यक्ष प्रो. सीएस रामचंद्र मूर्ति की कहासुनी हुई थी। विभागाध्यक्ष की कुछ बातों से प्रोफेसर खासा नाराज थे। उन्हें सबक सिखाना चाह रहे थे। प्रोफेसर ने तेलंगाना निवासी अपने पूर्व शोध छात्र से संपर्क साधा और प्रोफेसर मूर्ति पर हमले की योजना बनाई।

पूर्व शोध छात्र ने प्रयागराज में रहने वाले अपने एक मित्र से संपर्क किया। विभागाध्यक्ष को पिटवाने के लिए दो बदमाशों को तलाशने के लिए कहा। 28 जुलाई की शाम बीएचयू कैंपस के बाहर ही 2 बदमाशों को बाइक दी गई थी। बाइक सवार बदमाश बिरला हॉस्टल चौराहे के पास जाकर खड़े हो गए। इसी बीच विभागाध्यक्ष प्रो. सीएस रामचंद्र मूर्ति हॉस्टल के पास पहुंच गए। बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। स्टील की रॉड से विभागाध्यक्ष की बेरहमी से पिटाई कर दी और हाईवे से होकर भाग निकले। प्रोफेसर के दोनों हाथ में मल्टीपल फ्रैक्चर हो गए। प्रोफेसर अपनी बाइक से 6.30 बजे बृज एन्क्लेव कॉलोनी स्थित अपने घर जा रहे थे।

लोगों ने प्रोफेसर को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया, जहां इलाज चला था। दोषियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस जुटी थी। प्रोफेसर की तहरीर पर थ्प्त् दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 3 टीमें बनाई गई थी। 29 जुलाई को प्रो. सीएस रामाचंद्र मूर्ति पर हमले के विरोध में प्रदर्शन भी हुआ था। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर प्रोफेसर और छात्र सड़क पर उतरे। सिंह द्वार पर धरना दिया। जमकर नारेबाजी करते हुए गेट से आने-जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया।

29 जुलाई को प्रोफेसर और छात्रों ने धरना प्रदर्शन और हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो प्रोफेसरों की पुलिस से भी बहस हो गई। ।ब्च् समेत पुलिस अफसर छात्र और प्रोफेसरों को समझाकर शांत कराया और आश्वासन दिया था।

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