इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में पकड़े गए भागीरथी बेनिया को नहीं दी
प्रयागराज (राजेश सिंह)। यह आदेश न्यायमूर्ति संतोष राय ने दिया है। वाराणसी के डीआरआई थाने में दर्ज मुकदमे में आरोप है कि याची को जिस ट्रक के साथ पकड़ा गया, उसमें याची व आरोपियों से 1302.5 किलो गांजा बरामद किया गया।
याची की ओर से कहा गया कि उसे इस मामले में झूठे आरोपों में फंसाया गया है। कहा गया कि अभियोजन पक्ष ने झूठी कहानी बनाई है जबकि याची ने आरोपों के अनुसार कोई अपराध नहीं किया है। याची के कब्जे से कुछ भी अवैध बरामद नहीं हुआ है। साथ ही मामले में एनडीपीएस एक्ट की धारा 52 ए, 42, 52, 57 के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है और याची के कब्जे से झूठी बरामदगी दिखाई गई है।
याची की ओर से आश्वासन दिया गया है कि वह कानून की प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए तैयार है और जब भी आवश्यक होगा, वह न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहेगा। याची 11 अक्टूबर 2020 से जेल में है और मुकदमे में तब से केवल एक गवाह की गवाही हुई है। डीआरआई के वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि याची की निर्दाेषता का फैसला मुकदमे से पहले नहीं किया जा सकता इसलिए वह किसी भी राहत का पात्र नहीं है।
याची व सह अभियुक्त हृदय नंद राय को ट्रक में गिरफ्तार किया गया था और जांच के दौरान यह पता चला कि 1302.5 किलो अवैध गांजा ट्रक से बरामद किया गया था। मामले में एनडीपीएस एक्ट की धारा 42, 52 ए, 53 का पालन किया गया है। केंद्रीय राजस्व नियंत्रण प्रयोगशाला की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से कहती है कि बरामद अवैध पदार्थ गांजा है। याची के कब्जे से बड़ी मात्रा में अवैध गांजा बरामद किया गया है और इस तथ्य को याची ने अपनी जांच के दौरान स्वीकार किया है।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने याची के वाहन से बड़ी मात्रा में अवैध पदार्थ की बरामदगी को देखते हुए एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 के तहत जमानत पर रिहा करने का कोई उचित आधार न पाते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी।
