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अतीक के बहनोई, वकील, ड्राइवर और नौकर की जमानत अर्जी खारिज, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

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प्रयागराज (राजेश सिंह)। बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया अतीक अहमद के बहनोई, वकील, ड्राइवर और नौकर की जमानत अर्जी खारिज कर दी। सभी ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी और कहा था कि उनका इस हत्याकांड से कोई वास्ता नहीं है। उन्हें बेवजह फंसाया गया है। अतीक के बहनोई पर आरोप था कि उसने बमबाज गुड्डू मुस्लिम को शरण दी थी। 

 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी माफिया अतीक अहमद के बहनोई डॉ. अखलाक अहमद, वकील विजय मिश्रा, ड्राइवर कैश व नौकर नियाज की जमानत अर्जी खारिज कर दी। पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया। सभी आरोपियों की ओर से दाखिल अपराधिक अपील पर न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एकल पीठ सुनवाई कर रही थी। मेरठ निवासी अतीक के बहनोई डॉ अखलाक अहमद पर हत्याकांड के बमबाज गुड्डू मुस्लिम को शरण देने का आरोप है। जबकि, बाकी मुल्जिमों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है।

हत्याकांड के बाद से फरार बमबाज गुड्डू मुस्लिम पांच लाख का इनामी है। पुलिस का दावा है कि घटना को अंजाम देने के बाद इसने डॉ अखलाख के मेरठ स्थित घर पर शरण ली थी। मेरठ से गिरफ्तार एकलाख ने जमानत पर रिहाई के लिए सितंबर 2023 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। डॉ. अखलाक के अधिवक्ता के दलील दिया था कि वह एफआईआर में नामजद नहीं है। वह पेशे से डॉक्टर हैं। अपराध की दुनिया से उसका कोई वास्ता नहीं है। उसे केवल अतीक के रिश्तेदार होने के कारण फंसाया गया है।

अतीक के वकील विजय पर उमेश पाल हत्याकांड में मुखबिरी करने का आरोप है। विजय की गिरफ्तारी लखनऊ से हुई थी। जमानत पर रिहाई की मांग करते हुए उनकी अधिवक्ता मंजू सिंह ने दलील कि उन्हें अतीक के वकील होने के कारण फंसाया जा रहा हैं। इसी तरह कैश व नियाज की ओर से भी बेगुनाह होने की दलीलें दी गई। उनके अधिवक्ता ने दलील दी कि कैश ड्राइवर था, जबकि काफी समय पहले से नौकरी छोड़ चुका था। कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। नियाज़ के वकील ने भी उसे बेकसूर बताया। कहा कि उसका घटना से कोई सरोकार नहीं है। उसके पास से की बरामदगी नहीं है, न ही वह एफआईआर में नामजद है।

लंबी बहस में दौरान उमेश पाल की पत्नी जया पाल के अधिवक्त प्रवीण पांडे, सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जमानत पर रिहाई का विरोध किया। कहा कि सभी आरोपी हत्याकांड में सक्रिय रूप से शामिल रहे है। अभी तक ट्रायल कोर्ट में आरोप निर्मित होने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। मौजूदा समय में अतीक की इनामी बीबी शाइस्ता परवीन, अशरफ की बीबी जैनब व बमबाज गुड्डू मुस्लिम समेत कुल सात अन्य आरोपी फरार है। ऐसे में उनकी रिहाई से लंबित ट्रायल प्रभावित होगा।

24 फरवरी 2023 की है घटना

प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में 24 फरवरी 2023 को बसपा विधायक रहे राजू पाल हत्याकांड के आखिरी गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हमले में उनके गनर की भी मौत हो गई। हत्या के बाद उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने हत्या के आरोप अतीक के भाई अशरफ दोनों बेटों व पत्नी शाइस्ता परवीन पर लगाया था।

नहीं ही सकी जैनब की याचिका पर सुनवाई

उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी माफिया अतीक के भाई अशरफ की बीबी जैनब फातिमा की याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। 25 हजार की इनामी फरार जैनब ने हत्याकांड में दाखिल आरोप पत्र को चुनौती दी है। बुधवार को मामला न्यायमूर्ति अवनीश कुमार सक्सेना की अदालत सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन समय के अभाव में सुनवाई नहीं हो सकी। अब मामले की सुनवाई अगले हफ्ते में होने की संभावना है।


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