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प्रयागराज में डॉक्टर पर वकील ने लापरवाही का तो चिकित्सक ने वकील पर मारपीट का लगाया आरोप

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में शनिवार को अधिवक्ताओं के एक बड़े समूह ने घंटों धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी की। आरोप था कि नाजरेथ अस्पताल में अधिवक्ता दीपक शुक्ला की पत्नी के इलाज में लापरवाही हुई है। आरोप लगाया गया कि लखनऊ के एक अस्पताल में ले जाने पर एक नवंबर को मरीज की मौत हो गई। इलाज की जांच, डाक्टर को अधिवक्ताओं के सामने ही बुलाने की मांग करते रहे। उधर नाजरेथ अस्पताल में आरोपित डाक्टर ने अधिवक्ताओं पर ओपीडी में घुसकर मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। चांदपुर सलोरी में रहने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता दीपक शुक्ला का कहना है कि पत्नी प्रतिमा 45 वर्ष, को पेट में दर्द और गैस की समस्या होने पर 23 अक्टूबर को नाजरेथ अस्पताल ले गए थे। डाॅ. आरपी शुक्ला ने चार दिन इलाज किया। 27 अक्टूबर को प्रतिमा के चेहरे पर सूजन हो गई। जानकारी देने पर डाक्टर ने गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट के पास ले जाने का परामर्श दिया, जबकि पत्नी की प्लेटलेट काफी अधिक घट गई। बताया कि 27 तारीख को डा. आरपी शुक्ला ने डिस्चार्ज कर दिया, लखनऊ स्थित एक अस्पताल ले गए, वहां एक नवंबर को प्रतिमा का दम टूट गया। प्रकरण की जांच के लिए एसीएमओ डा. आरसी पांडेय की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई है। इसमें मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के डा. वैभव श्रीवास्तव, कार्डियोलॉजिस्ट डा. विपिन पांडेय, बेली अस्पताल के फिजीशियन डा. आरसी मौर्य, स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. ऋचा पांडेय को शामिल रखा गया है। 
डा. आरपी शुक्ला ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को तहरीर देकर बताया है कि कुछ अधिवक्ताओं ने शनिवार को उनके साथ अस्पताल में मारपीट की। जान से मारने की धमकी दी। दो मरीजों पर भी हमला किया। हालांकि अधिवक्ता दीपक शुक्ला का कहना है कि ऐसी किसी घटना की उन्हें जानकारी नहीं है। 
इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने अपने वरिष्ठ सदस्य डा. आरपी शुक्ला के साथ हुई अभद्रता पर कड़ी आपत्ति जताई है। अध्यक्ष डा. अशोक कुमार मिश्र और सचिव डा. आशुतोष गुप्ता ने इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से दीपक शुक्ला और उनके अन्य साथियों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। 
प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरसी पांडेय का कहना है कि कार्यालय में अधिवक्ताओं का समूह आया था। उनका बयान लिया गया। दूसरे पक्ष को भी बुलाया गया था लेकिन नाजरेथ अस्पताल प्रशासन ने अधिवक्ताओं के बीच अपने डाक्टर को भेजे जाने से परहेज किया। इसलिए आरोपित डाक्टर को रविवार के बाद आने के लिए कहा गया है। 
नाजरेथ अस्पताल के निदेशक फादर विपिन का कहना है कि दीपक शुक्ला नाम के व्यक्ति ने कई लोगों के साथ अस्पताल में घुसकर डाक्टर से मारपीट की। चैंबर की कुंडी भीतर से बंद कर ली। यह किसी भी तरह से स्वीकार नहीं है। अस्पताल में इस तरह की अभद्रता पर आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

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