सवा पांच घंटे में यात्री छिवकी से पहुंच जाएंगे खजुराहो
प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज को पांचवीं वंदे भारत मिलने जा रही है। यह ट्रेन धार्मिक शहरों को जोड़ेगी। काशी, विंध्याचल, प्रयाग, चित्रकूट, एक ही ट्रेन से कुछ घंटों के अंतराल में जुड़ जाएंगे और गंतव्य खजुराहो तक होने से छतरपुर भी इसका हिस्सा बन गया है।
आठ नवंबर को विशेष ट्रेन के रूप में चलेगी
यह वंदे भारत सामान्य ट्रेनों की तुलना में लगभग एक से दो घंटा समय भी बचाएगी। आठ नवंबर को यह विशेष ट्रेन के रूप में चलेगी और सभी स्टेशनों पर भव्य स्वागत होगा। यह ट्रेन सुबह 8रू05 बजे बनारस रेलवे स्टेशन से रवाना होगी। रास्ते में वाराणसी कैंट, विंध्याचल, प्रयागराज छिवकी, चित्रकूट, बांदा और महोबा स्टेशन पर रुकेगी। शाम ठीक 4रू25 बजे खजुराहो पहुंच जाएगी। यानी पूरी यात्रा सिर्फ आठ घंटे 20 मिनट की।
प्रयागराज छिवकी से खजुराहो तक का रास्ता महज पांच घंटे 15 मिनट में पूरा हो जाएगा। इससे पहले इस रूट पर यात्रा करने में साढ़े छह घंटे से अधिक का समय लगता था। उद्घाटन के दिन ट्रेन का नंबर 02582 होगा। यह आठ कोच वाली ट्रेन होगी, जिसमें सात चेयर कार और एक एग्जीक्यूटिव चेयर कार कोच होगा।
आरामदायक सीटें, आटोमैटिक दरवाजे, वाई-फाई, सीसीटीवी और बेहतर खान-पान की सुविधा यात्रियों को मिलेगी। खास बात यह कि ट्रेन का लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर दोनों उत्तर मध्य रेलवे के ही होंगे। हर स्टाप पर स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रयागराज छिवकी में स्थानीय सांसद-विधायक सहित तमाम जनप्रतिनिधि पहुंचेंगे। फूलों की मालाएं, ढोल-नगाड़े और जलपान के साथ ट्रेन का स्वागत होगा।
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि आठ नवंबर को सभी ठहराव वाले स्टेशनों पर स्वागत समारोह आयोजित किए गए हैं। नियमित सेवा कब शुरू होगी, इसकी घोषणा रेलवे बोर्ड जल्द करेगा। तब ट्रेन नंबर 26505 और 26506 होगा। पर्यटकों के लिए यह ट्रेन बहुत लाभदायक होगी, क्योंकि खजुराहो के विश्व प्रसिद्ध मंदिर अब वाराणसी और प्रयागराज से कुछ ही घंटों की दूरी पर होंगे।
