प्रयागराज (राजेश सिंह)। महाकुंभ-2025 से पहले प्रयागराज के संगम क्षेत्र में रोप-वे निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएमएल) की टीम बुधवार को संगम क्षेत्र का दौरा करने आ रही है। यह टीम इस बात का अध्ययन करेगी कि संगम पर रोप-वे बन सकता है या नहीं। अगर बन सकता है तो इसका मार्ग क्या होगा। इसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा। अगर रिपोर्ट सकारात्मक रही तो अगले साल से इसका निर्माण शुरू करने की योजना है ताकि महाकुंभ 2025 से पूर्व इसे तैयार किया जा सके।
24 नवंबर को महाकुंभ की तैयारी समीक्षा बैठक में *मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ* को रोप-वे की योजना दिखाई गई थी। रोप-वे का प्रस्ताव देखने के बाद मुख्यमंत्री ने अगले साल से इसका निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया था। फिलहाल इसका रूट अरैल-संगम-उल्टा किला (झूंसी) प्रस्तावित किया गया है। एनएचएमएल की टीम संगम क्षेत्र में प्रस्तावित रूट का निरीक्षण करेगी। एनएचएमएल के विशेषज्ञ बताएंगे कि रोप-वे किस रूट पर बन सकता है, इसका स्टेशन कहां-कहां होगा।
मेला अधिकारी अरविंद चौहान ने बताया कि विशेषज्ञ एजेंसी की रिपोर्ट मिलने के बाद रोप-वे के निर्माण पर आगे का काम होगा। पर्यटन विभाग की इस योजना पर लगभग 60 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। रोप-वे का संचालन पब्लिक प्राइवेट मॉडल पर होगा। ढांचा खड़ा करने के लिए सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी। रोप-वे का निर्माण करने वाली एजेंसी को इसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। एनएचएमएल वाराणसी में कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक बन रहे रोप-वे के लिए भी काम कर रही है। बता दें कि संगम क्षेत्र में रोप-वे बनाने की योजना वर्षों पहले बनी थी लेकिन कतिपय कारणों से मूर्त रूप नहीं ले सकी।