Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

प्रयागराज: अनियंत्रित कार ने सड़क किनारे बैठे चार लोगों को रौंदा, चारों की मौत

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के सोरांव में लकड़मंडी चौराहे के पास प्रयागराज-प्रतापगढ़ हाईवे पर शनिवार रात बेकाबू कार ने बर्तन व्यापारी राजेंद्र गुप्ता (34) समेत चार को रौंद दिया। इसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में राजेंद्र की पत्नी सरिता (30), उसका छह वर्षीय बेटा अर्णव और पड़ोसी लल्लू गौतम (50) शामिल हैं। आक्रोशित लोगों ने हाईवे जाम कर दिया। पुलिस उन्हें समझाने में लगी रही। राजेंद्र मूल रूप से सोरांव के गधिना गांव का रहने वाला था। वह पिछले कुछ सालों से लकड़मंडी चौराहे के पास घर बनवाकर रहने लगा था। साथ ही वहीं बर्तन की दुकान भी चलाता था। उसके परिवार में पत्नी सरिता के अलावा दो बेटों में छोटा अर्णव व बड़ा रितेश है। शनिवार रात राजेंद्र व उसकी पत्नी दोनों बेटों को लेकर घर के सामने तख्त पर बैठे थे। कुछ देर बाद पड़ोसी लल्लू भी आ गया और सभी बैठकर बातें करने लगे। इसी दौरान प्रतापगढ़ की ओर से तेज रफ्तार स्विफ्ट डिजायर कार आई। अचानक कार अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे बैठे राजेंद्र समेत चाराें लोगों को रौंदते हुए आगे जाकर पलट गई। कार की चपेट में आने से रितेश भी जख्मी हो गया। शोरगुल मचा तो आसपास के लोग दौड़े लेकिन राजेंद्र, सरिता, अर्णव व लल्लू की मौत हो चुकी थी। जबकि कार की चपेट में आने से रितेश भी जख्मी हुआ था और सड़क किनारे लहुलुहान हाल में पड़ा था। सूचना पर पुलिस पहुंच गई और रितेश को अस्पताल भेजा। शवों को कब्जे में लेने का प्रयास किया लेकिन लोगों ने विरोध कर दिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने चारों शवों को हाईवे पर रखकर प्रतापगढ़-प्रयागराज हाईवे जाम कर दिया। जानकारी पर कई थानों की फोर्स लेकर अफसर पहुंच गए लेकिन देर रात तक जाम खुलवाया नहीं जा सका था। पुलिस अफसरों के साथ एसडीएम सार्थक अग्रवाल समेत अन्य अफसर भी जाम खुलवाने की कोशिश में लगे रहे। 
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद कार किनारे जाकर पलट गई। इस दौरान उसमें सवार दे लोग निकलकर भाग निकले। आक्रोशित लोगों ने कार में तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने किसी तरह उन्हें रोककर कार को कब्जे में लिया। राजेंद्र के भतीजे परमजीत की शादी 13 दिन बाद है। हादसे के बाद मौके पर जुटे लोग इस बात की चर्चा करते रहे कि चाचा की तेरहवीं के दिन ही भतीजे की शादी होनी है। उधर परिजन शवों से लिपटकर रोते रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad