प्रयागराज (राजेश सिंह)। कोरांव में धान खरीदारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है। स्थानीय किसानों ने बताया कि विकासखंड कोरांव में प्रभारी सहायक विकास अधिकारी के पद पर तैनात सच्चिदानंद द्विवेदी के काले कारनामे व भ्रष्टाचार की चर्चा सरेआम किसानों के बीच हो रही है। विदित हो कि सच्चिदानंद द्विवेदी को वर्तमान में विकासखंड कोरांव में सहायक विकास अधिकारी (एडीओ) का प्रभार दिया गया है, जबकि इनका मूल पद ग्राम सेवक (कृषि) पद पर फतेहपुर जनपद में सहकारिता विभाग में है। शासन के शासनादेश के विपरीत सच्चिदानंद द्विवेदी को जनपद प्रयागराज में संबद्ध किया गया है। जबकि संबद्धता के संबंध में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र व ग्राम विकास आयुक्त 5 जुलाई 2022 को स्पष्ट आदेश दे चुके हैं कि आकांक्षात्मक विकास क्षेत्रों में तैनात अधिकारियों को किसी अन्य विकासखंड का अतिरिक्त प्रभार न दिया जाए, फिर भी इस शासनादेश का घोर उल्लंघन करते हुए सच्चिदानंद द्विवेदी को कोरांव ब्लॉक के अलावा मेजा ब्लॉक का भी अतिरिक्त प्रभार दिया जा चुका है। यह अपने वरिष्ठ अकांओ के सरपरस्ती का ही प्रतिफल है। सूत्रों द्वारा यह भी ज्ञात हुआ है कि इस खेल में मोटी रकम का खेल है। जिससे भ्रष्टाचार का बोलबाला है। विदित हो कि यमुनापार में दो ब्लॉक कोरांव व मेजा धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है। ये दोनों ब्लाक जिले का सबसे अधिक धान की खरीदारी करता है। इसलिए यहां भ्रष्टाचार की भी सबसे अधिक चर्चाएं हैं। जिले व मंडल के अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है, क्योंकि कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की जड़ें नीचे से ऊपर तक फैल चुकी हैं। मौखिक रूप से मंडलीय अधिकारी उपायुक्त एवं उपनिवंधक सहकारिता प्रयागराज मंडल से किसानों ने कई बार शिकायत की परंतु किसानों की आवाज नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह गई है। सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि सच्चिदानंद द्विवेदी द्वारा क्रय केंद्रों पर किसानों के धान के खरीदारी न करके मिल मालिकों से सांठगांठ करके मिल मालिकों व मीलरों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। परेशान किसान एकजुट होकर अंत में अपनी शिकायत इलाहाबाद डिस्ट्रिक कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष शिव मोहन मौर्य से विगत 14 दिसंबर को शिकायत की है। इसी क्रम में अध्यक्ष शिवमोहन मौर्य ने एक पत्र उपआयुक्त एवं उपनिबंधक सहकारिता प्रयागराज मंडल को लिखा और पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि सच्चिदानंद द्विवेदी की संबद्धता निरस्त करते हुए तैनाती जनपद फतेहपुर में तत्काल भेजा जाए। परंतु आज तक इस पत्र का भी कोई असर नहीं हुआ है।ज्ञातव्य है कि उक्त प्रकरण की जानकारी जिलाधिकारी प्रयागराज, प्रमुख सचिव सहकारिता लखनऊ, आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता लखनऊ उत्तर प्रदेश एवं सहकारिता मंत्री तक प्रभावी कार्रवाई करने के लिए भेजी जा चुकी है। अब देखना यह है कि हाल फिलहाल में अधिकारियों एवं शासन- सरकार का क्या निर्णय होता है। क्षेत्रीय किसानों में इस अनियमितता की चर्चा जोरों पर हैं।