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प्रयागराज में एसटीएफ के नाम से नोटिस भेजकर अवैध वसूली, दो गिरफ्तार

SV News

बीएसए और शिक्षकों को बनाते थे निशाना

प्रयागराज (राजेश सिंह)। एसटीएफ के नाम से डीआईओएस-बीएसए आदि अफसरों को नोटिस भेजकर दबाव बनाने और अवैध वसूली करने के खेल का भंडाफोड़ बुधवार को हुआ। एसटीएफ ने फाफामऊ से दो युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों कौशाम्बी के डीआईओएस को भी नोटिस भेजकर गोपनीय जानकारी देने का दबाव बना रहे थे। मुख्य आरोपी माध्यमिक शिक्षा विभाग का बर्खास्त शिक्षक है।
अफसरों के मुताबिक, सूचना मिली थी कि कुछ लोग एसटीएफ अधिकारियों के नाम से फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर और बीएसए/डीआईओएस, परीक्षक नियंत्रक जैसे अफसरों को जाली नोटिस भेजकर अवैध वसूली कर रहे हैं। इस पर एसटीएफ नोएडा की टीम को लगाया गया था। इसी क्रम में पता चला कि डीआईओएस, कौशाम्बी को भी नोटिस प्राप्त हुआ है, जिसमें कुछ शिक्षकों की गोपनीय जानकारी मांगी गई है। सूचना शीघ्र देने के लिए रोज फोन से दबाव भी बनाया जा रहा है।
सर्विलांस व मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर टीम ने मंगलवार को प्रयागराज आकर फाफामऊ के एफ ब्लाॅक से सड़क किनारे खड़े दो संदिग्धों बजरंगी लाल गुप्ता व जय प्रकाश तिवारी को हिरासत में ले लिया और थाना मंझनपुर ले गई। दोनों के पास से फर्जी दस्तावेज बरामद हुए। साथ ही उन्होंने अफसरों को नोटिस भेजकर अवैध वसूली की बात स्वीकार की, जिस पर उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। बजरंगी शांतिपुरम, फाफामऊ प्रयागराज और जयप्रकाश राधानगर, फतेहपुर का रहने वाला है।
एसटीएफ के मुताबिक, पूछताछ में बजरंगी लाल गुप्ता ने बताया कि 2012 में एमएड करने के बाद वह 2013 में राजकीय हाईस्कूल पलाना कछार, मूरतगंज जनपद कौशाम्बी में बतौर शिक्षक भर्ती हुआ। हालांकि शिकायत पर हुए सत्यापन में हाईस्कूल व इंटर की मार्कशीट फर्जी पाए जाने पर माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय, इलाहाबाद की ओर से उसे बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्त होने के बाद उसने लोगों को नियुक्ति दिलाने और बर्खास्त अध्यापकों को बहाल कराने के नाम पर अवैध वसूली शुरू कर दी। इसके अलावा एसटीएफ, शिक्षा निदेशालय के नाम से बीएसए, डीआईओएस को नोटिस भेजकर व संबंधित शिक्षकों को नोटिस की प्रति दिखाकर धन उगाही करने लगा। उसने बताया कि यह नोटिस उसका साथी जय प्रकाश तिवारी बनाता था।
आरोपी जयप्रकाश ने पूछताछ में बताया कि उसके पिता फतेहपुर बीएसए कार्यालय में चालक थे। पिता की पैरवी पर ही वह कार्यालय में नियुक्त बाबू राजेश तिवारी के साथ टाइपिंग का काम करने लगा था। वहीं उसे एक दिन बजरंगी मिला और इसके बाद से वह उसके साथ रहने लगा। बजरंगी के कहने पर उसने विभिन्न अध्यापकों के फर्जी दस्तावेज व कार्यालय के फर्जी नोटिस तैयार किए। बजरंगी इन नोटिसों को संबंधित अफसरों व शिक्षकों को भेजता था। साथ ही एसटीएफ व अन्य विभाग के अधिकारी के नाम से फोन कर दबाव बनाता था। एसटीएफ अफसरों ने बताया कि फिलहाल दोनाें के खिलाफ कौशाम्बी के मंझनपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। दोनों को मंझनपुर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है।

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