देशभर में खोज जारी, हाथ में दिखा रहस्यमई गोदना
प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज जंक्शन पर बुधवार रात दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। 25 वर्षीय रेल कर्मी अमित कुमार पटेल की लोहे के एंगल से बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी गई। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि अमित हमले के समय फोन पर बात कर रहा था, तभी अचानक हमलावर ने उस पर हमला बोला। उसने भी ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर लिया। हमलावर की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। उसके हाथ पर एक गोदना (टैटू) देखा गया, लेकिन उसका विवरण स्पष्ट नहीं हो सका।
जीआरपी ने हमलावर की तस्वीर अपने सभी नेटवर्क, खुफिया तंत्र, थानों और चौकियों पर भेजकर उसकी पहचान के लिए व्यापक जांच शुरू कर दी है। पूरे देश में हमलावर की पहचान के लिए अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन रहस्य अभी तक बरकरार है। रहस्यमयी हमलावर की मंशा और पृष्ठभूमि के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है।
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, हमलावर रेल पटरी पार करते हुए अमित की ओर बढ़ा, हाथ में एक बड़ा लोहे का एंगल छिपाए हुए। जैसे ही वह अमित के पास पहुंचा, उसने सिर पर जोरदार प्रहार किया, जिससे अमित का सिर फट गया और वह जमीन पर लुढ़क गया। इसके बाद हमलावर ने लगातार दो और वार किए, जिससे अमित अचेत हो गया। पूरी घटना मात्र 1 मिनट 50 सेकंड में घटी, जिसने रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हमले के बाद हमलावर ने प्लेटफार्म पर मौजूद लोगों को दहशत में डालते हुए लोहे के एंगल से धमकाना शुरू किया। यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। एक वेंडर ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। कुछ यात्रियों ने हिम्मत दिखाते हुए हमलावर को पकड़ने की कोशिश की और उसे पकड़ भी लिया, लेकिन वह छटपटाकर ट्रेन की ओर भागा। उसने ट्रेन के नीचे घुसने का प्रयास किया, जिसे रोकने के लिए यात्रियों ने उसे खींचने की कोशिश की। लेकिन, वह ट्रेन के पहिए के नीचे चला गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दुस्साहसिक घटना ने स्टेशन पर करीब 15 मिनट तक हड़कंप मचा दिया।
पोस्टमार्टम हाउस पर पर अमित की तीनों बहनें और बहनोई मौजूद थे। उनके बहनोई ने बताया कि अमित के माता-पिता को अभी उनकी मृत्यु की सूचना नहीं दी गई है। उन्हें केवल यह बताया गया कि अमित की तबीयत खराब है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अमित का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। जीआरपी के अधिकारी प्रशांत वर्मा ने बताया कि मामले की हर संभव कोण से जांच की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर हमलावर के मानसिक असंतुलन की आशंका जताई जा रही है।
उधर प्रयागराज जंक्शन पर हमले में बीच-बचाव करने आए आरपीएफ जवान माधव सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गए। हमलावर ने इसके बाद पूर्वा एक्सप्रेस के सामने छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना रात 9:20 बजे की है, जब अमित कोच पोजिशन ले रहे थे। हमलावर ने आउटर की ओर से अचानक आकर उन पर ताबड़तोड़ प्रहार किए, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। आरपीएफ जवान माधव सिंह को नैनी स्टेशन पर उतारकर रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। इस घटना ने भी रेलवे की सुरक्षा और गश्त व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।[
प्रयागराज में आरपीएफ के सीनियर डीएससी विजय प्रकाश पंडित ने बताया कि हमलावर आउटर से घुसा और सीधे हमला कर दिया। सीसीटीवी फुटेज से उसकी पहचान और हमले की मंशा का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। जीआरपी और आरपीएफ की टीमें संयुक्त रूप से जांच में जुटी हैं। वरिष्ठ खंड अभियंता प्रशांत कुमार सिंह की तहरीर पर अज्ञात हमलावर के खिलाफ हत्या और जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज किया गया है।
घटना ने रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यात्रियों और रेल कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जीआरपी और आरपीएफ ने अपने खुफिया तंत्र को और सक्रिय कर दिया है। हमलावरों की पहचान के लिए सभी थानों और चौकियों से मदद मांगी गई है। सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच को तेज किया गया है। रेलवे स्टेशनों पर गश्त बढ़ाने और सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की मांग उठ रही है।
इन घटनाओं ने न केवल रेल कर्मियों और यात्रियों में दहशत पैदा की है, बल्कि आम जनता में भी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अमित के सहकर्मियों और रेल यूनियन नेताओं ने रेलवे अस्पताल में इकट्ठा होकर घटना की निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। रेलवे प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
आम जनता और रेल कर्मियों में इस बात को लेकर भी चर्चा है कि आखिर इन हमलावरों की मंशा क्या थी? क्या यह व्यक्तिगत रंजिश थी, मानसिक असंतुलन का परिणाम, या फिर कोई सुनियोजित साजिश? इन सवालों का जवाब अभी जांच के बाद ही मिल पाएगा। फिलहाल, अमित की मौत ने उनके परिवार और सहकर्मियों को गहरे सदमे में डाल दिया है। रेलवे स्टेशनों पर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी से बचा जा सके।