अजादारी जूलूस असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है: सनवर अली
मोहर्रम मुसलमानों का ऐसा पर्व है जिसमें त्याग और बलिदान का समंदर दिखाई देता है: मोहम्मद उस्ताद
मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। शुक्रवार को अकीदतमंदों ने चेहल्लुम के मौके पर ताजिया जुलूस निकाला। ताजिया जुलूस लोटाढ़ गांव के इमाम हुसैन की चौक से निकल कर लोटाढ़ बाजार रोड होते हुए जरार के पुरवा गांव के मैदान पहुंचकर समाप्त हुआ। जुलूस में लोटाढ़, जरार, उसकी, चमनगंज एवं पुरवा गांव के ताजिया एक दूसरे में शामिल होते हुए बड़े जुलूस में तब्दील हो गया। ताजिया जुलूस में मोहर्रम कमेटी के नवयुवक व दूर दराज ग्रामीण क्षेत्र से आए युवाओं ने विभिन्न प्रकार के नए-नए अंदाज में कई कर्तब दिखाएं। खूब जमकर लाठियां भांजी, ढोल नगाड़े बजाते हुए या हुसैन या हुसैन के नारे लगाए। हाथों में देश की आन बान शान तिरंगा लिए मुस्लिम समुदाय के लोग ताजिया में शिरकत करते रहे और या हुसैन की शहादत को याद करते आगे बढ़ते रहे।
वहीं लोटाढ़ गांव के ताजिया के मशहूर कारीगर मोहम्मद उस्ताद व मोहम्मद हुसनैन ने बताया कि मुहर्रम मुसलमानों का ऐसा पर्व है। जिसमें त्याग और बलिदान का बहुत बड़ा समंदर नजर दिखाई देता है। पैगंबर इस्लाम ने जिस पाक और सच्चे धर्म को दुनिया में फैलाया था। उसे ही बचाने के लिए उनके नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीदे-ए- कर्बला में शहीद हो गए थे। उनकी ही शहादत के चालीसवें दिन बाद अकीदतमंदों द्वारा चेहल्लुम मनाया गया था। उसी रीति-रिवाज को कायम रखते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़े हर्षोल्लास के साथ चेहल्लुम का पर्व मनाया। वरिष्ठ समाजसेवी सनवर अली (लोटाढ़) ने बताया कि चेहल्लुम का शोक मोहर्रम के ताजिया दफनाए जाने के चालीसवें दिन मनाया जाता है।
अजादारी, मजलिस व मातम असत्य पर सत्य जीत का प्रतीक है, चेहल्लुम हजरत इमाम हुसैन की शहादत का चालीसवां होता है। वरिष्ठ समाजसेवी फिरोज अहमद ने बताया कि कत्ल-ए-हुसैन अस्ल में मरग-ए-यजीद है, इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद।
इस्लाम धर्म के लिए हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की सेवाओं और उनके बलिदानों को स्वीकार करना है। ताजिया जूलूस के बाद लोगों ने मेले में जमकर खरीदारी करते हुए विभिन्न प्रकार के मिष्ठान्नों का आनंद लिया।
ताजिया जुलूस में किसी प्रकार की बांधा न उत्पन्न हो सके इसके लिए शांति सुरक्षा के मद्देनजर देखते हुए थाना प्रभारी मेजा दीनदयाल सिंह व चौकी प्रभारी मेजारोड सुधीर कुमार पांडेय पुलिस बल के साथ मुस्तैद रहे। ताजिया जुलूस में (मुजावर) मैफूज अली व मोहम्मद नूर आलम, सनवर अली, मेराज अली, जब्बार अली,अवधेश सिंह, अच्छन अली,मो० श्यामूलहक,मो० वहीद,मो० जियाउल, माशूक अली,मो० मुकीम,मो० अरशद, मो० शेबू,मो० सैनूर, प्रधान प्रतिनिधि (लोटाढ़) मुलायम यादव, पूर्व प्रधान (लोटाढ़) ज्ञानचंद वर्मा, मो० पप्पू, मो० रुखसाद, फिरोज अहमद (कोटहा),अन्सार अहमद, मो० एकलाख, मो० चांद बाबू, मो० मुस्तफा, मो० अजीम,मो० तोराब, मो० वसीम, मो० साबिर, गोलू, मो० सिराज, मो० आरिफ सहित आदि सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।