कौशाम्बी (राजेश सिंह)। चायल के पूर्व भाजपा विधायक संजय गुप्ता और भरवारी के पूर्व चेयरमैन कैलाशचंद्र केसरवानी समेत सात लोगों के खिलाफ मकान पर कब्जा करने, साजिश रचने और धमकी देने का केस दर्ज किया गया है। भरवारी नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष सुनीता केसरवानी पत्नी कैलाशचंद्र के खिलाफ भी नामजद हैं। यह केस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। मामला भरवारी बाजार में स्थित एक मकान का है।
भरवारी के नई बाजार शाहगंज पुराना रोडवेज बस स्टेशन निवासी राज दुलारी देवी (73) पत्नी उमाशंकर केसरवानी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनता दर्शन में शिकायती पत्र देकर गुहार लगाई थी कि 2004 में चायल के पूर्व भाजपा विधायक संजय गुप्ता और तत्कालीन चेयरमैन कैलाशचंद्र समेत अन्य लोगों ने उसके मकान पर अपने सहयोगियों को कब्जा दिला दिया है। साथ ही पालिकाध्यक्ष होने के नाते उसका नामांतरण भी कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से करा दिया है।
विरोध करने पर उसको मारने पीटने की धमकी दी गई। आए दिन उसके परिवार को धमकी मिल रही है। डरवश वह बच्चों के साथ नैनी प्रयागराज के डांडी इलाके में रह रही है। आरोप लगाया कि यह लोग पारिवारिक विवाद का लाभ उठाकर अक्सर लोगों की संपत्ति पर अपना या अपने करीबियों का कब्जा कराने का कार्य करते हैं। यह इनका धंधा बन गया है।
भरवारी थाने में केस दर्ज होने के बाद पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने स्पष्ट किया कि उनके ऊपर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं। मैं इस महिला को जानता तक नहीं हूं। वह आज तक मुझसे मिली भी नहीं है। मेरा इसमें दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। कहा कि यह भाई-भाई का विवाद है। उनका आपस में विवाद चल रहा है। मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है। एफआईआर में सिर्फ नाम भर लिखा है, कोई आरोप नहीं लगाया गया है। यह वर्ष 2004 का मामला है उस समय मैं विधायक भी नहीं था। राजनीतिक विरोधियों ने मेरी बढ़ती लोकप्रियता से घबरा कर यह एफआईआर कराई है। वह इनके खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे और मुकदमा भी दर्ज कराएंगे।
