प्रयागराज में आशा कार्यकत्रियों ने कटोरा लेकर भीख मांगी
प्रयागराज (राजेश सिंह)। चाका सीएचसी के बाहर हाथों कटोरा लेकर भीख मांगकर विरोध प्रदर्शन किया। पिछले चार महीनों से एक भी धनराशि खाते में नहीं आई है। स्वास्थ्य विभाग के जितने भी महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं उसे घर-घर पहुंचाने की जिम्मेदारी हम आशा पूरी कर रहे हैं लेकिन जब उसके बदले प्रोत्साहन धनराशि आदि देने की बात आती है तो हमारी समस्याएं सुनने को कोई नहीं होता। ऐसी स्थिति में काम करना मुश्किल हो गया। यह कहना है कि प्रयागराज की आशा रंजना देवी का। सिर्फ रंजना ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में तैनात करीब 1.57 लाख आशा परेशान हैं। पिछले चार महीने से वह सिर्फ काम तो कर रही हैं लेकिन भुगतान नहीं है। यही कारण है वह अब बड़े आंदोलन की राह पर निकल चुकी हैं।
पिछले एक नवंबर को ही प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश की आशा सीएचसी पीएचसी पर कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गई थीं। योगी तेरे राज में-कटोरा लिए हाथ में और 2 हजार में दम नहीं-20 हजार से कम नहीं... जैसे नारों के जरिए सरकार से मांग कर रही हैं। अब 6 नवंबर को लखनऊ में बड़े आंदोलन की प्लानिंग की जाएगी।
राज्य स्वास्थ्यकर्मी का दर्जा देकर न्यूनतम वेतन, मातृत्व अवकाश, ईएसआई, भविष्य निधि, ग्रेडटी और पेंशन की गारंटी हो। 10 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा व 50 लाख के जीवन बीमा की गारंटी हो। कार्य कितने घंटे करना है यह तय किया जाए। वर्ष 2017 से अब तक के लंबित भुगतानों का आकलन कर उसका भुगतान सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश भर में भुगतान के नाम पर होने वाली वसूली को रोकने की व्यवस्था हो। एक नवंबर को प्रदेश भर में टीकाकरण कार्य को ठप कर दिया गया था। अब 6 नवंबर की तैयारी में जुटीं आशा
एक नवंबर को उप्र आशा वर्कर्स यूनियन के बैनरतले सिर्फ प्रयागराज ही नहीं बल्कि प्रदेश के सभी जनपदों के सीएचसी पर तालाबंदी किया गया। टीकाकरण कार्य को पूरी तरह से रोक दिया गया। चाका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला बंद कर दिया गया।
‘आज करो-अर्जेंट करो, हमको परमानेंट करो’, 2 हजार में दम नहीं 20 हजार से कम नहीं.. जैसे नारे लगाकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाई गई। हालांकि डिप्टी सीएमओ डॉ. नवीन गिरि उनके बीच में पहुंचे थे, आश्वासन भी दिया था कि शीघ्र ही उनकी प्रोत्साहन राशि मिल जाएगी।
