प्रयागराज (राजेश सिंह)। माघ मेला-2026 के दौरान शहर में बढ़ने वाले यातायात दबाव और जाम की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अपर पुलिस उपायुक्त (यातायात) की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के बाद वाराणसी, गोरखपुर समेत कई प्रमुख मार्गों की बसों का संचालन शहर के भीतर की बजाय अस्थायी बस स्टेशनों से कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
यह व्यवस्था 21 दिसंबर 2025 से तत्काल प्रभाव से लागू होगी। 20 दिसंबर को माघ मेला-2026 की तैयारियों को लेकर हुई समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि मेला अवधि में शहर के अंदर भारी भीड़ और वाहनों की आवाजाही से जाम की स्थिति बन सकती है। इसी को देखते हुए अस्थायी बस स्टेशनों के माध्यम से बस संचालन का निर्णय लिया गया।
झूंसी से चलेंगी वाराणसी-गोरखपुर रूट की बसें
प्रशासनिक निर्देशों के अनुसार, अस्थायी बस स्टेशन झूसी, प्रयागराज से गोरखपुर, आजमगढ़, जौनपुर, वाराणसी एवं अन्य सम्बद्ध मार्गों की बसों का संचालन किया जाएगा। इससे शहर के मुख्य मार्गों पर बसों का दबाव कम होगा और श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी।
विद्यावाहिनी से होगा लखनऊ-अयोध्या रूट का संचालन
वहीं, अस्थायी बस स्टेशन विद्यावाहिनी से प्रयागराजदृलखनऊ, रायबरेली, अयोध्या, प्रतापगढ़ एवं अन्य सम्बद्ध मार्गों की बसों का संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। इससे पूर्वी और मध्य यूपी की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग बस स्टेशनों की व्यवस्था हो सकेगी।
यूपी रोडवेज अधिकारियों को निर्देश
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधकों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं कि संबंधित मार्गों की सभी बसों का संचालन निर्धारित अस्थायी बस स्टेशनों से ही कराया जाए। इस निर्णय के संबंध में आरएम रोडवेज प्रयागराज की ओर से गोरखपुर/आजमगढ़ /वाराणसी / कानपुर/इटावा/बरेली/देवीपाटन/अयोध्या।
हरदोई /मुरादाबाद / गाजियाबाद/आगरा / झांसी/ चित्रकूट/अलीगढ़ / मेरठ/सहारनपुर/लखनऊ एव नोएडा क्षेत्र के आरएम को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि उक्त मार्गों की बसों का संचालन संबंधित अस्थायी बसों से ही कराया जाए।
यातायात व्यवस्था सुचारू रखने पर जोर
प्रशासन का कहना है कि यह कदम माघ मेला-2026 के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने, शहर के अंदर जाम से बचाव और श्रद्धालुओं की सुरक्षित आवाजाही के लिए उठाया गया है। आने वाले दिनों में जरूरत के अनुसार अन्य मार्गों पर भी इसी तरह के बदलाव किए जा सकते हैं।
