दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने मेले का लुत्फ उठाया
मेले के इतिहास में पहली बार नहीं हुई बारिश,चर्चा का विषय रहा
बोलन मेला के पहले दिन बंपर भीड़ रही, छुटपुट चोरी की हुई घटनाएं
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
बाबा बोलन नाथ धाम के दो दिवसीय ऐतिहासिक मेले में झूला, सर्कस,सुपर ड्रेगन ट्रेन और आर्केस्टा ने जहां समां बांधे रखा,वही दर्जन भर विभिन्न प्रकार के छोटे-मोटे झूलों,जंपिंग,मंकी माउस,हाथी गुड़ा और जहाज और अन्य मनोरंजन साधनों का बड़े,बूढ़ों और बच्चों ने लुत्फ उठाया। गौरतलब है कि भादो मास में हरतालिका तीज के बाद पड़ने वाले महा रविवार को बाबा बोलन नाथ का मेला बड़े ही उत्साह के साथ आयोजित होता चला आ रहा है। यह मेला महाभारत काल से जुड़ा हुआ है।किंवदंती है कि जब पांडव लाक्षागृह से सुरक्षित निकल कर जंगल की ओर प्रस्थान किए थे तो इसी पहाड़ी पर रुक कर के उन्होंने विश्राम किया था और भीम ने हिडिंब राक्षस को मारकर हिडिंबा से शादी किया था। जिससे उन्हें घटोत्कच नामक पुत्र पैदा हुआ। पांडव प्यासे थे जिसके कारण अर्जुन से पानी निकाला था। वह जगह आज भी बाण गंगा (अर्जुन कुंड)के नाम से जाना जाता है जो अविरल बहता रहता है।
दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने मेले का लुत्फ उठाया
मेले के इतिहास में पहली बार नहीं हुई बारिश,चर्चा का विषय रहा
बोलन मेला के पहले दिन बंपर भीड़ रही, छुटपुट चोरी की हुई घटनाएं
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
बाबा बोलन नाथ धाम के दो दिवसीय ऐतिहासिक मेले में झूला, सर्कस,सुपर ड्रेगन ट्रेन और आर्केस्टा ने जहां समां बांधे रखा,वही दर्जन भर विभिन्न प्रकार के छोटे-मोटे झूलों,जंपिंग,मंकी माउस,हाथी गुड़ा और जहाज और अन्य मनोरंजन साधनों का बड़े,बूढ़ों और बच्चों ने लुत्फ उठाया। गौरतलब है कि भादो मास में हरतालिका तीज के बाद पड़ने वाले महा रविवार को बाबा बोलन नाथ का मेला बड़े ही उत्साह के साथ आयोजित होता चला आ रहा है। यह मेला महाभारत काल से जुड़ा हुआ है।किंवदंती है कि जब पांडव लाक्षागृह से सुरक्षित निकल कर जंगल की ओर प्रस्थान किए थे तो इसी पहाड़ी पर रुक कर के उन्होंने विश्राम किया था और भीम ने हिडिंब राक्षस को मारकर हिडिंबा से शादी किया था। जिससे उन्हें घटोत्कच नामक पुत्र पैदा हुआ। पांडव प्यासे थे जिसके कारण अर्जुन से पानी निकाला था। वह जगह आज भी बाण गंगा (अर्जुन कुंड)के नाम से जाना जाता है जो अविरल बहता रहता है।
दो दिवसीय मेले के पहले दिन बोलन का मेला शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। कुछ नफर चोरों ने मेले में खलल डालने की कोशिश की,लेकिन कमेटी के वालंटियर और डीसीपीसी के स्वयं सेवक तथा पुलिस की मुस्तैदी से उन्हें पकड़ लिया गया। मेले में दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि इस बार का मेला विगत वर्षों की अपेक्षा अच्छा रहा। मौसम साथ देने की वजह से मेले में खलल पैदा नहीं हुई जिसके कारण श्रद्धालुओं ने जहां मेले का लुत्फ उठाया वहीं दुकानदारों की दुकानदारी अच्छी रही।मेले के इतिहास में पहली बार मेले के दिन बारिश नहीं हुई। यह स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना रहा।एक ओर जहां श्रद्धालु मेले का लुत्फ उठाया वहीं सुबह से ही बाबा बोलन नाथ का जलाभिषेक किया,जो दिन भर चलता रहा। कल सोमवार होने के कारण मंदिर में भीड़ अधिक होने की संभावना है। फिलहाल बाहर से आए दुकानदारों ने बताया कि इस वर्ष मेले में बंपर भीड़ रही और मेला अच्छा रहा। मेले में सुरक्षा की दृष्टि से जहां कमेटी द्वारा मेले को 4 सेक्टरों में विभाजित करके अपने वैलिंटियर तैनात किए थे जो मेले में अपने एरिया तक भ्रमण कर अपनी जिम्मेदारी निभाते रहे। वहीं जिला अपराध निरोधक कमेटी के स्वयंसेवकों ने हरिशंकर यादव के नेतृत्व में मेले में मोर्चा संभाले रखा था। इसके अलावा सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लिए मेजा पुलिस मेले में चप्पे-चप्पे पर तैनात रही।समय-समय पर मेजा कोतवाली धीरेंद्र सिंह ने मेले में भ्रमण करते रहे। मेले में नवागंतुक क्षेत्राधिकारी विमल कुमार मिश्र ने भी मेले का भ्रमण कर कमेटी के सदस्यों को सुरक्षा का भरोसा दिया।किसी भी समस्या से निपटने के लिए मेले के बीच कंट्रोल रूम बनाया गया था, जहां से बिछड़े लोगों को मिलाने और पूरे मेले तक श्रद्धालुओं को हिदायत देने का काम होता रहा।
रामलीला कमेटी के अध्यक्ष व मेला प्रभारी अमित यादव ने कमेटी के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों सहित सहयोग देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया तथा बताया कि लालजी मिश्र, डॉ तौलन प्रसाद, राहुल मिश्रा, सुधीर मोदनवाल, चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, पंकज मोदनवाल, राधेश्याम चौरसिया,संजीव पटेल,सुनील शर्मा,मुकेश विश्वकर्मा आदि का सहयोग सराहनीय रहा।मेला प्रभारी ने सोमवार को लगने वाले मेले में स्थानीय लोगों से मेले का लुफ्त उठाने और मेले को सफल बनाने में आने की अपील की है।