Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

जितनी गोपियां उतने ही श्रीकृष्ण के प्रतिरूप प्रकट हो गए: पंडित आलोक त्रिपाठी जी महाराज

SV News

शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत कथा में सातवें दिन श्रीकृष्ण विवाह व रासलीला का वर्णन

मेजा, प्रयागराज (श्रीकान्त यादव)। मेजारोड के सब्जी मंडी के पावर हाउस के समीप स्थित शिव मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथावाचक पंडित आलोक त्रिपाठी जी महाराज ने महारासलीला व श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया। अपने वचन को पूरा करने के लिए भगवान ने महारास का आयोजन किया। इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा गया। सभी गोपियां सज-धजकर नियत समय पर यमुना तट पर पहुंच गईं। कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियां अपनी सुध-बुध खोकर कृष्ण के पास पहुंच गईं। उन सभी गोपियों के मन में कृष्ण के नजदीक जाने, उनसे प्रेम करने का भाव तो जागा, लेकिन यह पूरी तरह वासना रहित था। इसके बाद भगवान ने रास आरंभ किया। माना जाता है कि वृंदावन स्थित निधिवन ही वह स्थान है, जहां श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। यहां भगवान ने एक अद्भुत लीला दिखाई थी, जितनी गोपियां उतने ही श्रीकृष्ण के प्रतिरूप प्रकट हो गए। सभी गोपियों को उनका कृष्ण मिल गया और दिव्य नृत्य व प्रेमानंद शुरू हुआ। रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुऐ कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी को द्वारका में लाकर उनका विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया। कथा के साथ-साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया गया। महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण की 16108 रानियां थीं। इस सात दिवसीय भागवत कथा का सफल संचालन के लिए आयोजक मंडली के सभी सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा। वहीं सोमवार को सुबह हवन पूजन के बाद प्रसाद वितरण एवं भंडारा का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर अनुराग त्रिपाठी, योगेश शर्मा, संतोष शर्मा, डबल तिवारी, सोनू केशरवानी, मुंशी सेठ, दरोगा सेठ, मनोज महाराज, डॉ मनोज कुमार मिश्रा, बनवारीलाल केशरी, कार्तिकेय केशरी सहित सैकड़ों भक्त मौजूद रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad