जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को गुलाम जम्मू-कश्मीर के जल्द भारत में मिलने की उम्मीद जताते हुए कहा कि यह कब होगा, कैसे होगा, यह मैं तय नहीं कर सकता। इसका निर्णय भारत सरकार ही लेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने के केंद्र के इरादे पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।
गुलाम जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के प्रति अविश्वास
एक टीवी न्यूज चौनल से बातचीत में उपराज्यपाल ने कहा कि गुलाम जम्मू-कश्मीर की जनता में पाकिस्तान के प्रति अविश्वास और आक्रोश अपने चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तान आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा है।
आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा जो भारत में है,जहां पीएम मोदी का शासन है, वहां अस्पताल हैं, डॉक्टर हैं, बिजली है, सड़क है पानी है, रोजगार है, विकास है और दूसरी तरफ वह कश्मीर जो पाकिस्तान के पास है, वहां लोगों को आटा लेने के लिए कतार लगानी पड़ती हैं, सड़कों पर उतरना पड़ता है।
गुलाम जम्मू-कश्मीर पर निर्णय लेना भारत सरकार का अधिकार
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वहां के लोग यहां के हालात को देखते हैं, चर्चा करते हैं। वहां का सभ्य समाज बुद्धिजीवी वर्ग जम्मू-कश्मीर के विकास की बात करता है,वहां इसे लेकर लेख लिखे जाते हैं। गृहमंत्री और रक्षा मंत्री गुलाम जम्मू-कश्मीर को लेकर जो कह चुके हैं, मैं उस पर आगे कुछ नहीं कह सकता। मैं अपनी सीमाएं जानता हूं। गुलाम जम्मू-कश्मीर पर निर्णय लेना भारत सरकार का अधिकार है, मेरा नहीं।