प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज में गंगा और यमुना शनिवार सुबह खतरे का निशान पार कर गईं। दोनों नदियां खतरे के निशान 84.73 मीटर के ऊपर बह रही हैं। गंगा का जल स्तर पिछले 24 घंटे में 1.51 मीटर तो यमुना का 1.20 मीटर बढ़ा है। अभी दोनों नदियों का जल स्तर और बढ़ने की आशंका है।
केन, बेतवा और चंबल नदियों के साथ बुंदेलखंड की पांच पहाड़ी नदियों का पानी यमुना में आ रहा है। राजस्थान और मध्य प्रदेश तथा बुंदेलखंड में हो रही बारिश के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इसी तरह राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वर्षा के चलते गंगा का जल स्तर बढ़ गया।
दोनों नदियों के उफान पर आने से शहर के 14 मोहल्ले और जिले के 52 गांव प्रभावित हो गए हैं। शहर में निचले इलाकों में दो हजार से ज्यादा घरों में पानी घुस गया है। इसी तरह गांवों में तीन हजार से ज्यादा मकानों में बाढ़ का पानी घुसा है। राहत शिविरों में एक हजार से ज्यादा पहुंचे हैं। दूसरी ओर टोंस और बेलन नदियों में भी जल स्तर काफी बढ़ गया है। दोनों नदियां खतरे के निशान के बिल्कुल पास पहुंच गई हैं। टोंस में बाढ़ के चलते 16 गांव प्रभावित हैं।
एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह ने बताया कि बाढ़ को लेकर अलर्ट घोषित कर दिया गया है। निचले इलाके में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश सभी अफसरों और कर्मियों को दे दिए गए हैं। जिले में 87 बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। कुल 58 नावें चलाई जा रही हैं। पांच राहत शिविरों में एक हजार से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में शरण दिया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही जल पुलिस तथा पीएसी बाढ़ राहत दल को लगा दिया गया है।