प्रयागराज (राजेश सिंह)। माफिया अतीक अहमद के फाइनेंसर मोहम्मद नफीस उर्फ नफीस बिरयानी को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रयागराज की नैनी सेंंट्रल जेल में बंद नफीस बिरयानी को हार्ट अटैक आया है। नैनी सेंट्रल जेल से मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। 22 नवंबर की देर शाम पुलिस की नवाबगंज थाना क्षेत्र के आनापुर इलाके में नफीस बिरयानी से मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में माफिया अतीक अहमद का फाइनेंसर 50 हजार का इनामी नफीस बिरयानी गिरफ्तार किया गया था। एनकाउंटर में नफीस बिरयानी के पैर में गोली लगी थी। जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 9 दिसंबर को उसे अस्पताल से जेल में शिफ्ट किया गया था।
सिविल लाइंस में पान की दुकान चलाता था नफीस बिरयानी
नफीस बिरयानी पहले सिविल लाइन में पान की दुकान चलाता था, लेकिन अशरफ के संपर्क में आने पर उसने बिरयानी की शॉप खोली। उसकी बिरयानी की शॉप धीरे-धीरे ब्रांड बन गई और उसने फ्रेंचाइजी देना भी शुरू कर दिया था। पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नफीस बिरयानी की एक महीने की कमाई 2 करोड़ के आसपास थी। जिसमें से कमाई का लगभग चौथाई हिस्सा 40 से 50 लाख रुपये नफीस हर महीने अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन को पहुंचाता था।
अतीक अहमद और अशरफ के जेल में रहते माफिया अतीक अहमद के परिवार का मैनेजमेंट भी नफीस बिरयानी ही देखता था। 39 वर्षीय नफीस बिरयानी गुलाब बाड़ी कॉलोनी खुल्दाबाद का रहने वाला है, लेकिन मौजूदा समय में वह जीटीबी नगर करेली में रहता था। 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल और दो सरकारी गनर हत्याकांड में जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल हुआ था वह क्रेटा कार नफीस बिरयानी की थी।
नफीस बिरयानी पर हैं ये आरोप
नफीस बिरयानी के खिलाफ उमेश पाल शूटआउट केस में साजिश में शामिल होने के आरोप में धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। फरार नफीस बिरयानी पर पुलिस कमिश्नर प्रयागराज रमित शर्मा ने 18 नवंबर 2023 को 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था। हालांकि अगस्त माह में उसकी लोकेशन दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में मिली थी। जहां पर वह अपनी प्रेमिका से मिलने गया था। लेकिन जब तक पुलिस वहां पहुंची वह फरार हो चुका था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नफीस बिरयानी विदेश भागने की फिराक में था। जिसके लिए वह अपनी प्रेमिका के पास रुपयों का इंतजाम करने के लिए प्रयागराज आ रहा था। कार को उमेश पाल शूटआउट केस के पहले नफीस बिरयानी ने अपने एक करीबी रुखसार के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था। नफीस बिरयानी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस रुखसार की भी तलाश में जुटी है।
नफीस बिरयानी के खिलाफ चार मुकदमों का आपराधिक इतिहास भी है। उसके खिलाफ कोरोना के दौरान महामारी अधिनियम के तहत दो मुकदमें सिविल लाइन थाने में दर्ज हैं। जबकि एक मुकदमा जानलेवा हमले और एससी-एसटी एक्ट के तहत सिविल लाइन थाने में ही दर्ज है। चौथा मुकदमा उमेश पाल शूटआउट केस में साजिश के तहत शामिल होने के लिए धूमनगंज थाने में दर्ज है।