समाज सेवा और जनकल्याण में रुचि
1996 बैच के पीपीएस अधिकारी
यूपी के सुल्तानपुर जिले में स्थित पखरौली के मूल निवासी
लखनऊ (राजेश सिंह)। कुछ लोगों का व्यक्तित्व ऐसा होता है कि उन्हें अपना परिचय देने की भी आवश्यकता नहीं होती। ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी श्री राजेश्वर सिंह जी का परिचय देना बिल्कुल वैसा है जैसे दोपहर की धूप दिखा सूर्य के असीम शौर्य का प्रमाण देना। राजेश्वर सिंह मूल रूप से सुल्तानपुर के पखरौली के रहने वाले हैं। हालांकि, उनका जन्म लखनऊ में ही हुआ है। उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद से इंजीनियरिंग की है। इसके बाद लॉ और ह्यूमन राइट्स में भी डिग्री ली। साल 1996 में वह पीपीएस अफसर चयनित हुए।
चाहे माफिया हो, चाहे बाहुबली या चाहे राजनेता ही क्यों ना रहे हों, श्री राजेश्वर सिंह अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए, कभी भी किसी के आगे नहीं झुके। शासनिक प्रशासनिक माध्यम से तो कभी व्यक्तिगत और पारिवारिक रूप से, धमकियों से भरा जीवन व्यतीत करते हुए उन्होंने वर्दी के मान-सम्मान को बढ़ाया और फिर जब सफेदपोश अपराधियों से वे दो-दो हाथ करने उतरे, तब भी अपने दृढ़ निश्चय के आगे किसी भी बाधा को सर नहीं उठाने दिया। खाकी से खादी की ओर चल पड़े श्री राजेश्वर सिंह जी जन-कल्याण और देश-सेवा के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। न्याय का जो कार्य श्री सिंह सर्विस में रहते हुए करते आ रहे थे, वही कार्य वो अब जनता के बीच, आप सबके बीच आ कर करना चाहते हैं।
राजेश्वर सिंह जनता के हित में कार्य करते हुए ना सिर्फ सख्त कानूनों को लागू करवाने के इच्छुक हैं, बल्कि वे विकास कार्यों में गति लाते हुए अपने निर्वाचन क्षेत्र को एक आदर्श क्षेत्र बनाना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि विकास, बुनियादी ढाँचे और कानून व्यवस्था में उनका क्षेत्र देश के सामने एक उच्च आदर्श प्रस्तुत करे।
राजेश्वर सिंह चाहते हैं कि क्षेत्र के लोगों की मूलभूत जरूरतों और सुविधाओं की पूर्ति हो। क्षेत्र में अच्छा अस्पताल, स्कूल, रोजगार कार्यालय और मुफ्त परामर्श केंद्र बने, सड़कें साफ, चौड़ी और दुरुस्त हों, सबको पेयजल की सुविधा प्राप्त हो। यहाँ सुविधायुक्त अनाथाश्रम और वृद्धाश्रम की स्थापना हो। बेसहारों की देखभाल हो सके और वंचितों को उनका सभी संभव हक मिले। श्रमिकों और किसानों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हो।
(अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति/संस्थान की है।)