लखनऊ (राजेश सिंह)। पीसीएस- 2023 परिणाम से प्रदेश को डिप्टी कलेक्टर (एसडीएम) पद के लिए 41 अभ्यर्थी मिले हैं, जबकि डिप्टी एसपी के 42 अभ्यर्थी हैं। इस बार कुल रिक्त पद 254 घोषित किए गए थे। अब अंतिम परिणाम आया तो रिक्त पदों की संख्या संशोधित कर 253 कर दी गई है।
253 में से 150 पदों पर साक्षात्कार के माध्यम से चयन हुआ है, जबकि 103 पदों पर मुख्य परीक्षा से चयन हुआ है। आयोग के सचिव अशोक कुमार ने बताया कि मुख्य परीक्षा के जरिए प्राविधिक सहायक भूतत्व के पद चयन होना था, लेकिन इसमें ओबीसी और एससी वर्ग के दो अभ्यर्थी नहीं मिले।
आयोग के सचिव अशोक कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा उप कारागार प्रशासन व उप कारापाल के 75 पदों पर चयन हुआ है। कुल 19 प्रकार के पदों पर चयन हुआ है। इसमें कारागार अधीक्षक, सहायक नियंत्रक बाट-माप, कोषाधिकारी और लेखाधिकारी, जिला कमांडेंट होमगार्ड, नगर विकास विभाग में कर निर्धारण अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में भू वैज्ञानिक और प्राविधिक सहायक, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, दिव्यांग सशक्तीकरण अधिकारी, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, अधिष्ठान अनुभाग में मालकर अधिकारी, उप निबंधक, पीडब्ल्यूडी में विधि अधिकारी, दिव्यांगजन विधि अधिकारी और सहायक श्रमायुक्त के पदों पर चयन हुआ है।
पीसीएस- 2023 की परीक्षा में कई बदलाव किए गए थे। पहला बड़ा बदलाव मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाकर यूपी विशेष के प्रश्न रखे गए। इसका फायदा यूपी के अभ्यर्थियों को मिलना था। अब परिणाम आया तो टाप 20 में दूसरे राज्यों के चार अभ्यर्थी अपना स्थान बनाने में सफल हुए हैं।
पहले पीसीएस की परीक्षा दो से तीन वर्ष में पूरी होती थी। प्री और मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने में महीनों लगते थे। आयोग ने एक के बाद एक परिणाम जारी कर अपनी छवि में बदलाव किया है। पीसीएस साक्षात्कार खत्म होने के 11वें दिन आयोग ने परिणाम जारी कर दिया है। पीसीएस-जे का परिणाम साक्षात्कार के एक दिन बाद ही जारी कर दिया था।
पीसीएस- 2021 से यूपीपीएससी ने तेजी पकड़ी थी। उस परीक्षा को एक वर्ष में पूरा कर लिया गया था। फिर पीसीएस परीक्षा-2022 को 10 महीने में पूर्ण कर लिया गया था। उसकी प्रारंभिक परीक्षा 12 जून को हुई थी और अंतिम परिणाम सात अप्रैल को जारी किया गया था।
पीसीएस- जे की परीक्षा को साढ़े छह महीने में पूरा कर लिया गया था। उसकी प्री परीक्षा दो फरवरी को कराई गई और फिर मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार कराते हुए 30 अगस्त को परिणाम जारी कर दिया गया था। इस बार 14 मई को प्री परीक्षा हुई और अब परिणाम आ गया है।
आयोग के चेयरमैन संजय श्रीनेत ने कहा कि यूपीपीएससी की छवि बदलने का प्रयास है। अब परिणाम लंबित नहीं होते, चयन होता है। अगली भर्ती से प्रयास है कि जिस वर्ष की भर्ती होगी, उसी वर्ष उसे पूरा कर दिया जाएगा।