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धर्म-आस्था डेस्क
आज शनिवार, 26 मार्च 2022 है। ईद उल फितर सोमवार, 2 मई, 2022 से शुरू होने की उम्मीद है. ईद की छुट्टियां रमजान 29 से शव्वाल 3 तक – इस्लामिक कैलेंडर पर आधारित होंगी.
इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रमज़ान के महीने को पवित्र और पावन मानते हैं. रमज़ान के महीने में मुस्लिम धर्म के लोग खुदा की इबादत करते हैं और ख़ुशियाँ बांटते हैं. इस ख़ास मौके पर दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने का भी रिवाज है. भारत में इस बार रमजान महीने की शुरुआत शनिवार 2 अप्रैल से हो रही है. हालांकि, रमजान महीने की तारीख चांद दिखने पर ही तय होगी. रमजान का ये महीना 2 मई को खत्म हो सकता है.
ईद उल फितर सोमवार, 2 मई, 2022 से शुरू होने की उम्मीद है. ईद की छुट्टियां रमजान 29 से शव्वाल 3 तक – इस्लामिक कैलेंडर पर आधारित होंगी. चांद दिखने की परंपरा के आधार पर रमजान और ईद-उल-फितर की शुरुआत की सही तारीख की तारीख के करीब पुष्टि की जाएगी.
रमजान का महत्व
इस्लामिक कैलेंडर का नवां महीना होता है रमज़ान या रमदान और इस महीने को इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोग पवित्र मानते हैं. रमजान के दौरान मुस्लिम धर्म के लोग रोज़े रखते हैं. अपने ईश्वर को धन्यवाद देते हुए रमज़ान के महीने के अंत में शव्वाल अर्थात इस्लामिक कैलेंडर का दसवां महीने की पहली तारीख को ईद-उल-फितर का त्यौहार धूमधाम से मनाने का विधान है.
*रमजान में होने वाली प्रमुख रस्में*
इस्लाम की रवायत के अनुसार, रमजान के महीने में रोजा रखना अनिवार्य होता है. रमजान के महीने में सहरी और इफ्तार ये दो महत्वपूर्ण रस्में होती हैं. रमजान के दिनों में सुबह के समय में जब भोजन किया जाता है तो उसे सहरी कहते हैं. सहरी दिन में सूरज के निकलने से पहले किया जाता है. सेहरी करने को सुन्नत कहते है. वहीं दिनभर रोजा रखने के बाद शाम के समय जब सूरज डूब जाता है तब रोजा खोला जाता है इसे इफ्तार कहा जाता है.
*रमजान में इन बातों का रखें ख्याल*
रमजान का मतलब सिर्फ रोजा रखने से ही नहीं है बल्कि इस एक महीने उन चीजों से भी तौबा की जाती है जो इंसानियत के दायरे में नहीं आती हैं. इस दौरान किसी भी तरह के गलत कार्य नहीं किये जाते हैं. साथ ही गलत चीजों से तौबा की जाती है. रमजान का महीना इंसान को खुदा के समीप लाता है.