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अब राजा भैया होंगे राजग का हिस्सा, भाजपा से करेंगे गठबंधन..!

 

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पांचवें चरण के मतदान से पहले राजा भैया ने योगी सरकार की तारीफ करके सियासी कानाफूसी को हवा दे दी है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आज कुंडा के कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के दिल में बीजेपी सरकार के लिए जगह है.

लखनऊ (राजेश शुक्ला/राजेश सिंह)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी को है. पांचवें चरण में प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट पर भी वोटिंग है. इस सीट से जनसत्ता दल (लो) के सुप्रीमो रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया चुनावी मैदान में उतरे हैं. पांचवें चरण के मतदान से पहले राजा भैया ने योगी सरकार की तारीफ करके सियासी कानाफूसी को हवा दे दी है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आज भी राजा भैया के दिल में बीजेपी सरकार के लिए जगह है.

*राजा भैया को बीजेपी सरकार पसंद है...*
जनसत्ता दल (लो) के सुप्रीमो रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार को अन्य सरकारों से बेहतर बताया है. राजा भैया का कहना है कि मौजूदा बीजेपी सरकार में सड़कों और बिजली की हालत में सुधार आया है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के क्रम में राजा भैया ने जिक्र किया कि उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार पिछली सरकारों की तुलना में काफी बेहतर है.

मौजूदा योगी सरकार ने पिछली सरकारों की तुलना में बेहतर काम किया. चाहे सड़क निर्माण, बिजली कनेक्शन, नहर बनवाने की बात हो, मौजूदा सरकार सभी से बेहतर है. जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) पार्टी का निर्माण जनता की मांग पर की गई है. मैंने विधानसभा में 25 साल पूरे कर लिए हैं. हमारा मुख्य मकसद सूबे के किसानों और छात्रों की बेहतरी के लिए काम करना है.
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया

राजा भैया के सामने सपा के गुलशन यादव
कुंडा की बात करें तो यहां से 1993 से लगातार राजा भैया जीतते रहे हैं. कुंडा में राजा भैया की नाम ही जीत की गारंटी है. यहां कोई लहर काम नहीं करती है. 2017 के विधानसभा चुनाव में कुंडा से राजा भैया ने एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीता. इस बार कुंडा से सपा के टिकट पर गुलशन यादव चुनावी मैदान में हैं. गुलशन यादव कभी राजा भैया के साथ थे. आज गुलशन यादव रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को चुनौती दे रहे हैं. गुलशन यादव ने उन पर डराने के आरोप भी लगाए हैं.
बीजेपी और सपा सरकार में रहे मंत्री
राजा भैया ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत भी हासिल की. वो बीजेपी की कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, रामप्रकाश गुप्ता से लेकर सपा के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री बने थे. साल 2002 में तत्कालीन सीएम मायावती ने राजा भैया को आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) में गिरफ्तार करवाया था. इसके बाद उन्होंने देशभर में सुर्खियां बटोरी. राजा भैया कभी सपा के करीबी थे. 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा ने राजा भैया के खिलाफ किसी को भी टिकट नहीं दिया. इस बार सपा ने उनके पुराने साथी गुलशन यादव को टिकट दिया है.

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