मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
15 अगस्त को होनेवाले स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को हाेनेवाले गणतंत्र दिवस को लेकर कई लोगों में काफी कंफ्यूजन रहता है। दोनों राष्ट्रीय पर्व में झंडा फहराने के नियम भी अलग-अलग हैं। लेकिन अधिकतर लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
आपको बता दें कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था जबकि 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान अस्तित्व में आया था और भारत एक गणराज्य घोषित हुआ था। स्वतंत्रता दिवस पर झंडे को नीचे से रस्सी खींचकर पहले ऊपर लाया जाता है फिर उसे खोलकर फहराया जाता है। इसे ध्वजारोहण कहा जाता है । जबकि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है और उसे खोलकर फहराया जाता है।स्थानीय तौर पर अधिकतर लोगों को जानकारी नहीं और यदि जानकारी भी है तो व्यवस्था के अभाव में 15 अगस्त को भी झंडा फहराते है। गौरतलब है कि 15 अगस्त व 26 जनवरी को होनेवाला मुख्य कार्यक्रम हमारे देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित होता है जहां मुख्य कार्यक्रम का आयोजन होता है।
स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण लाल किले से किया जाता है जबकि 26 जनवरी को झंडा राजपथ पर फहराया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं जबकि 26 जनवरी को राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर दूसरे देश के राजनायकों को आमंत्रित किया जाता है जबकि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसी भी अतिथि को नहीं बुलाया जाता है। गणतंत्र दिवस समारोह का समापन 29 जनवरी को बीटिंग रीट्रिट समारोह के साथ होता है जबकि स्वतंत्रता दिवस पर आयोजन 15 अगस्त को ही समाप्त हो जाता है। गणतंत्र दिवस पर देश की सैन्य ताकत व सांस्कृतिक समृद्धि की झलक देशवासियों के सामने झांकियों के माध्यम से प्रस्तुत की जाती है जबकि स्वतंत्रता दिवस पर ऐसा कोई समारोह नहीं होता है।