प्रयागराज (राजेश सिंह)। मध्य प्रदेश, राजस्थान, राजस्थान और दिल्ली एनसीआर से आ रहे पानी से यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इन राज्यों में स्थित बांधों व बैराजों से लगभग 20.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि संगम नगरी में यमुना नदी खतरे का निशान पार कर सकती है। इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से तटीय क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। एक दर्जन बाढ़ राहत शिविर भी क्रियाशील कर दिए गए हैैं। तटीय इलाकों में 98 बाढ़ राहत चौकियां भी स्थापित कर दी गई हैैं, जहां नाव व कुछ स्थानों पर स्टीमर भी लगा दी गई हैैं। आज बुधवार 24 अगस्त की दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 82.71 मीटर तथा यमुना का जलस्तर 82.64 मीटर रिकार्ड किया गया। जिले में खतरे का निशान 84.73 मीटर पर है।
डीएम संजय कुमार खत्री ने बताया कि केन नदी से 3.5 लाख क्यूसेक, बेतवा से माताटीला बांध के जरिए चार लाख क्यूसेक, चंबल नदी का पानी धौलपुर बांध से नौ लाख क्यूसेक तथा यमुना नगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस पानी का असर बुधवार से प्रयागराज में दिखाई पडऩे लगा है। इसके कारण ही यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
संभावना जताई जा रही है कि प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियां खतरे के निशान को पार कर लेंगी। तटीय क्षेत्रों में जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जा रही है। बाढ़ प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत शिविर में ले आने की कोशिश शुरू हो गई है।