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ज्ञान, शील, गुण और धर्म से होती है मनुष्य की पहचान : जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी

SV News

श्रीराम कथा के तीसरे दिन बही भक्ति की रसधार, कथा श्रोताओं ने लिया आंनद

मेजारोड, प्रयागराज (श्रीकान्त यादव)। मेजारोड स्थित डीजीएस गेस्ट हाउस मे दिव्यांगोत्थन श्रीराम सेवा ट्रस्ट (न्यास) मेजा प्रयागराज के बैनर तले चल रहे सात दिवसीय श्रीराम कथा के तीसरे दिन तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के मुख से कथा सुन श्रोता भावविभोर हो गए। कथा को आगे बढ़ाते हुए श्रीराम कथा के तीसरे दिन जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि सीता की आठ सहेलियों में एक हेमा के जीवन-दर्शन पर कथा सुनाई।

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अष्ट सखी संवाद में हेमा के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए गुरुदेव ने कहा कि हेमा का मतलब सोना होता है। सोना जिस प्रकार चार स्तरों से जांचा जाता है उसी प्रकार सीता की सहेली हेमा ने राम से उन्नतीस परीक्षाएं लीं। भगवान राम सभी परीक्षाओं में सफल हुए और सभी समस्या का समाधान भी दिया। हेमा सखी विलक्षण भाव रखती हैं और उन्होंने राम की छवि को देखकर कहा यही सीता के योग्य है। ज्ञान, शील, गुण और धर्म से मनुष्य की पहचान होती है। राम की परीक्षा हेमा ले रही हैं और यह बता रही हैं कि यह वर जानकी के योग्य है या नहीं? रामचरितमानस के बालकांड में 228 दोहे में इसका वर्णन भी है। 

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श्री रामभद्राचार्य महाराज ने आगे कहा कि भक्त, भक्ति, भगवान और गुरु चारों स्वरूप में एक हैं। इनका सम्मान हमेशा ही होना चाहिए। भगवान राम तपस्वी भी हैं और क्रोध पर विजय भी प्राप्त किए हैं। प्रतिभा का सम्मान जिस देश में होता है, वह देश उन्नति करता है। भगवान राम परशुराम के क्रोध को भी सह जाते हैं और मुस्कुरा कर सभी समस्या का समाधान करते हैं। युवाओं को प्रभु श्रीराम से प्रेरणा लेनी चाहिए। महाराज के मुख से कथा सुन श्रोता भावविभोर हो गए। 

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इस मौके पर पूर्व विधायक कलेक्टर पाण्डेय, पूर्व ब्लाक प्रमुख मुन्नन शुक्ला, विजयानंद उपाध्याय, पप्पू उपाध्याय, बाबा तिवारी, अखिलेश मिश्रा, अधिवक्ता अभिषेक तिवारी टिंकू, राजेश द्विवेदी प्रधान, रिंकू ओझा, अनिल शुक्ला, बसंत तिवारी, कमलेश पाण्डेय, हौसला प्रसाद तिवारी, तनय पाण्डेय, गौरव पाण्डेय, गिरीश दुबे, आलोक मिश्रा, विनय पाण्डेय, राजू पाण्डेय, विकास तिवारी (विक्की), नितेश तिवारी सहित सैकड़ों कथा श्रोता महिला व पुरुष मौजूद रहे।

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