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माघ पूर्णिमा स्नान: लाखों स्नानार्थियों ने संगम मे लगाई डुबकी, महीने भर की तपस्या के बाद कल्पवासी विदा

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। माघ मेले के अंतिम स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर रविवार को लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के उद्घोष से पूरा मेला गुंजायमान रहा। डुबकी लगाने के लिए शनिवार की रात संगम पर लाखों श्रद्धालु पहुंच गए। माघ मेले के पांचवें स्नान पर्व पर हर तरफ से रेला उमड़ पड़ा। संगम समेत गंगा के घाटों पर आधी रात से ही डुबकी लगने लगी।
आखिरी डुबकी लगाने के साथ ही कल्पवासी विदा होने लगे। पांचवें बड़े स्नान पर्व को देखते हुए मेला प्रशासन ने संगम समेत गंगा के 17 घाटों पर स्नान की व्यवस्था की गई है। काली घाट, राम घाट, ओल्ड जीटी, महावीर घाट के अलावा संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है।देर रात लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंच चुके थे। इसी के साथ डुबकी भी लगने लगी। भोर में कल्पवासियों समेत श्रद्धालुओं का रेला निकलने लगा। इससे पहले त्रिवेणी, काली मार्ग के अलावा सभी पांटून पुलों पर आस्थावानों की लंबी कतारें लग गईं।

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माघी पूर्णिमा शनिवार की रात 9.30 बजे ही लग गई थी। रविवार की रात 11:58 बजे तक पूर्णिमा रहेगी। ऐसे में उदया तिथि में रविवार को ही माघी पूर्णिमा स्नान की मान्यता है। इस बार माघी पूर्णिमा पुष्य नक्षत्र में आरंभ हो रही है। रविवार को दिन में 10:45 से 12:12 बजे तक रवि पुष्य योग है। ऐसे में आयुष्मान , सौभाग्य और सर्वार्थ सिद्धि योग से युक्त माघी पूर्णिमा में पुण्य की डुबकी हर कामनाओं को पूर्ण करने वाली है।
ज्योतिषाचार्य पं. ब्रजेंद्र मिश्र के मुताबिक रविवार को रवि पुष्य योग के साथ ही आयुष्मान, सौभाग्य और सर्वार्थ सिद्धि योग मिलने से यह महामाघी पूर्णिमा हो गई है। इस दिन संगम स्नान से विशेष फल प्राप्ति होगी। इस पर्व पर डुबकी लगाकर जीवन में आई नकारात्मकता से भी मुक्ति पाई जा सकती है। माघी पूर्णिमा पर तिल और घी का दान विशेष फलदायी होगा। पुराणों के अनुसार माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु खुद गंगा स्नान करते हैं। ऐसे में मान्यता है कि गंगा जल के स्पर्श से मनसा, वाचा और कर्मणा हर तरह के पापों का शमन हो जाता है।
माघी पूर्णिमा पर रविवार को अन्न, वस्त्र के साथ ही खीर का दान होगा। खीर का दान करने से हर तरह की कामनाओं की पूर्ति के योग बनेंगे। पूर्णिमा पर माघ मेले में मास पर्यंत कल्पवास करने वाले संतों-भक्तों के शिविरों में सत्यनारायण भगवान की कथाएं सुनी जाएंगी। शनिवार से ही शिविरों में यज्ञ, कथाएं और कीर्तन आरंभ हो गए। इस दौरान भगवान विष्णु की सविधि पूजा की जाएगी। मेला प्रशासन की ओर से भी कथा का आयोजन किया गया है। ज्योतिषियों के अनुसार माघी पूर्णिमा पर अन्न, वस्त्र के दान से विशेष फल की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा के दिन अन्न, वस्त्र के दान से घर में सुख-शांति बनी रहती है । माघी पूर्णिमा के पर विष्णु भगवान को चावल की खीर का भोग लगाना चाहिए।

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माघ मेले के पांचवें प्रमुख स्नान पर्व माघी पूर्णिमा के अवसर पर रोडवेज द्वारा 1800 बसों का संचालन किया जाएगा। उधर रेलवे प्रशासन भी भीड़ बढ़ने पर प्रयागराज जंक्शन और प्रयागराज संगम से स्पेशल ट्रेन चलाएगा। वहीं रामबाग से बनारस के लिए दो स्पेशल ट्रेनें समय सारिणी के हिसाब से चलाई जाएंगी। प्रयागराज रामबाग से मेला स्पेशल ट्रेन सुबह 7.20 बजे एवं 11 बजे बनारस के लिए चलाई जाएगी। इसका ठहराव रामबाग से बनारस के बीच पड़ने वाले सभी स्टेशनों पर होगा।
पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि 12 कोच की मेला स्पेशल में दस कोच सामान्य श्रेणी एवं दो एसएलआर श्रेणी के रहेंगे। उधर प्रयागराज जंक्शन के सिविल लाइंस साइड से भी यात्रियों के प्रवेश पर शनिवार की शाम से पाबंदी लगा दी गई। हालांकि भीड़ न होने की वजह से यात्रियों को यहां कुछ ढील भी दी गई। यहां सोमवार दोपहर 12 बजे तक यात्रियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर यूपी रोडवेज द्वारा रविवार को सिविल लाइंस और जीरोरोड बस स्टेशन से बसें चलाई जाएंगी। क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी ने बताया कि भीड़ बढ़ने पर ही अस्थायी बस स्टेशन से बसें चलाई जा सकती हैं।
माघी पूर्णिमा पर माघ मेले के साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था को भी सुचारू बनाए रखने के इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत मेले से कल्पवासियों की वापसी के लिए भी प्रबंध किए गए हैं। विभिन्न दिशाओं की ओर जाने वाले कल्पवासियों के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं। व्यवस्था के मुताबिक, कानपुर, लखनऊ व रीवा की तरफ जाने वाले कल्पवासियों को पांटून पुल नंबर चार से गंगा भवन तिराहा, दारागंज होते हुए मेला क्षेत्र से बाहर भेजा जाएगा। इसी तरह वाराणसी, जौनपुर की तरफ जाने वाले कल्पवासी काली सड़क, टीकरमाफी आश्रम से जाएंगे। इसके अलावा पुल नंबर दो से भी त्रिवेणी मार्ग, फोर्ट रोड चौराहे होते हुए नगर क्षेत्र से कल्पवासियों को बाहर भेजा जाएगा।
इससे पहले माघी पूर्णिमा के मद्देनजर संगम क्षेत्र में चार फरवरी की सुबह से ही वाहनों की इंट्री रोक दी गई। यह व्यवस्था छह फरवरी को दोपहर 12.00 बजे या भीड़ समाप्ति तक लागू रहेगी। इसके अलावा पार्किंग व्यवस्था की बात की जाए तो मिर्जापुर- रीवा की ओर से आने वाले समस्त दोपहिया व चारपहिया वाहनों को लेप्रोसी चौराहे के बगल में नवप्रयागम पार्किंग, जौनपुर-वाराणसी की ओर से आने वाले वाहनों को कटका तिराहे से डायवर्जन कर चीनी मिल पार्किंग और कानपुर की ओर से आने वाले वाहनों को सीएमपी डिग्री कालेज,केपी काॅलेज व बक्शी बांध कछार पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।

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