प्रतापगढ़ (राजेश सिंह)। राष्ट्रीय जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया और जामो रियासत के अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी की दोस्ती चार दशक पुरानी है। एक दूसरे के दुखों में हाथ थामे खड़े रहे। दोनों ही एक दूसरे के हमराज के रूप में जाने जाते हैं। अमेठी के जामो रियासत के अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी ने राजा भैया के दाहिने हाथ माने जाते हैं। इनके पूर्वजों के बीच भी दोस्ती रही है। वर्ष 1990 के पहले से बेंती कोठी में अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी का आना जाना है। जो अभी तक बदस्तूर जारी है। राजा भैया भी गोपालजी को भाई की तरह मानते हैं। हर चुनाव की बागडोर उनके कंधों पर होती है।
लोगों के अनुसार राजा भैया ने वर्ष 1993 का पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। जिसकी कमान गोपालजी ने संभाली थी। इस जीत के बाद राजा भैया ने 1998 में विधान परिषद सदस्य के चुनाव में अक्षय प्रताप सिंह को निर्दल चुनाव मैदान में उतारा। वह भारी अंतर से चुनाव जीते। राजा भैया के नेतृत्व में ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत के चुनाव में प्रत्याशी उतारे गए। जीत का सेहरा राजा भैया के प्रत्याशियों के सिर बंधा। जिसमे गोपालजी की भूमिका सेनापति की तरह रही।
स्वाभाविक रूप से अपने भाई के साथ हूं: राजा भैया
स्वाभाविक रूप से मैं अपने भाई के साथ हूं। एफआईआर हुई जो उसकी सच्चाई होगी, सामने आएगी। जहां तक मेरी जानकारी में कोई धोखाधड़ी नहीं हुई है। मामले की विवेचना पुलिस करेगी। मध्यस्ता करने के प्रश्न पर बोले की हर घर की कहानी है। - रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया, कुंडा विधायक व राष्ट्रीय अध्यक्ष जनसत्ता दल लोकतांत्रिक
कहीं खटास के पीछे व्यवसायिक गतिविधियां तो नहीं
राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह काफी समय से दिल्ली में रहती हैं। लोगों का कहना है कि एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह व भानवी सिंह के बीच काफी दिनों से खटास है। जो व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर पैदा हुई है। राजा भैया की दोनों बेटियां व दोनों बेटे बेंती, लखनऊ व दिल्ली स्थित आवास पर आते जाते रहते हैं। दोनों बेटे तो राजा भैया के साथ चुनाव में जनसभाओं में भी शामिल होते रहे हैं।
राजा भैया के करीबियों को नामजद करने से खलबली मच गई। राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह ने प्रतिनिधि हरिओम शंकर श्रीवास्तव, बेंती कोठी के मैनेजर उमेश कुमार निगम, इंद्रदेव पटेल , रामदेव यादव के खिलाफ भी धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। जिसे लेकर राजा भइया समर्थकों में खलबली मची है। सोमवार को दिन भर कुंडा का सियासी पारा गरमाया रहा। हर कोई इस मुद्दे पर चर्चा करता रहा।
उठ रहा सवाल आखिर क्यों आई रिश्तों में खटास
जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया की पत्नी भानवी सिंह द्वारा विधान परिषद सदस्य अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी के खिलाफ दर्ज कराए मुकदमे के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। अचानक रिश्तों में आई खटास के पीछे हर कोई वजह खोज रहे हैं। हालांकि अभी भी राजा भइया एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
अमेठी के जामो रियासत के अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी के कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया से पारिवारिक रिश्ता है। वर्ष 1998 में राजा भइया के समर्थन से अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी पहली बार एमएलसी चुने गए। पांच बार एमएलसी व एक बार सांसद रहे अक्षय प्रताप सिंह का पार्टी गठन में भी मुख्य भूमिका रही।
जनसत्ता दल से ही गोपालजी मौजूदा समय में विधान परिषद सदस्य भी हैं। पार्टी में भले ही किसी पद पर न हो लेकिन छोटे बड़े चुनाव में उनकी भागीदारी सबसे अधिक रहती है। अभी तक राजा भइया व गोपालजी के बीच कभी भी ऐसे हालात नहीं आए। सोमवार को अचानक दिल्ली में राजा भइया की पत्नी भानवी सिंह द्वारा एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी समेत राजा भइया के करीबियों पर दर्ज कराई गई रिपोर्ट ने सियासी हलचल तेज कर दी है। पार्टी के पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता तो हैरत में है। जिले के लोग इसके पीछे की वजह खोज रहे हैं कि आखिर रिश्तों में अचानक खटास कहां से आ गई।
विरोधी खेमा भी हुआ सक्रिय
कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया की घेराबंदी करने के लिए सभी दल एकजुट हो जाते हैं। सोमवार को बदले घटनाक्रम के बाद विरोधी दलों के नेता भी सक्रिय हो गए हैं। राजा भइया व गोपालजी के बीच आगे के रिश्तों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।
शिकायती पत्र की तहरीर पर छिड़ी राजा भैया खेमे में चर्चा
राजा भइया की पत्नी भानवी सिंह द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में दी गई तहरीर में अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी को जिस तरह से अभ्यस्त अपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया है। इसे लेकर राजा भइया खेमें में बहस छिड़ी हुई है। राजा भइया के करीबी शिकायती पत्र की लिखावट पर भी चर्चा करते नजर आए। लोगों का कहना है कि इस मामले को तूल देने के पीछे गहरी साजिश रची गई है।
बसपा सरकार में राजा भइया के साथ गोपालजी पर भी हुई पोटा की कार्रवाई
बसपा सरकार में राजा भइया के साथ उनके करीबी व पारिवारिक सदस्य अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी के खिलाफ भी अनगिनत मुकदमे दर्ज हुए थे। वर्ष 2002 में मिर्जापुर जेल में बंद गोपालजी पर पोटा की कार्रवाई हुई थी। करीब दो साल तक राजा भइया से अलग दूसरी जेलों में गोपालजी को रखा गया था। प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर उन्हें प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट किया गया था।
पारिवारिक मामला है। जिसे दो चार दिन में सुलझा लिया जाएगा। मुकदमा दर्ज होना कोई बड़ी बात नहीं है। - मुक्कू ओझा, मीडिया प्रभारी, एमएलसी