29 मार्च को होगी अगली सुनवाई
प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उदयभान करवरिया की पैरोल (अंतरिम जमानत) एक बार फिर बढ़ा दी है। यह पैरोल केस की अगली तिथि पर सुनवाई तक के लिए बरकरार रहेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को सुनवाई दूसरी खंडपीठ को नामित करने के लिए मुख्य न्यायमूर्ति के समक्ष भेज दिया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 29 मार्च की तिथि तय की है। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने उदयभान करवरिया की आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इसके पहले मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादी की ओर से तर्क दिया गया कि याची पैरोल का गलत फायदा उठा रहा है। कहा कि कोर्ट चिकित्सकीय आधार पर याची की पैरोल बढ़ा रही है, जबकि, याची की हाल ही में हुई उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों के साथ सोशल मीडिया में तस्वीरे वायरल हो रहीं हैं। याची समारोहों में भी शामिल हो रहा है। उसकी भी तस्वीरें सामने आईं हैं। उसकी कोई सर्जरी नहीं हुई। लिहाजा, इनका पैरोल समाप्त किया जाए।
याची के लगातार बढ़ाए जा रहे पैरोल पर प्रतिवादी (मृतक जवाहर यादव की पत्नी सपा विधायक विजमा यादव) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट द्वारा लगातार बढ़ाए जा रहे पैरोल को सहीं नहीं माना है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि चिकित्सकीय आधार पर इतने लंबे समय तक पैरोल नहीं दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने याची की ओर से पहले से दाखिल अर्जी को निस्तारित करने को कहा है।
याची उदयभान ने हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के आजीवन कारावास के फैसले को चुनौती देते हुए अर्जी दाखिल कर रखी है। इसके साथ ही जमानत की भी मांग की है। हालांकि, हाईकोर्ट ने अभी याची की ओर से पहले से दाखिल अर्जी को तय नहीं किया है। याची ने मेडिकल आधार पर पैरोल पर छोड़े जाने की मांग कोर्ट से की थी। याची ने अपनी अर्जी में कहा था कि उसकी ओपन हार्ट सर्जरी होनी है। लिहाजा, उसे पैरोल पर रिहा किया जाए, जिससे कि वह अपनी सर्जरी करा सके।
कोर्ट ने याची की परिस्थितियों को देखते हुए मई में पैरोल दे दिया। इसके साथ ही कोर्ट याची के पैरोल को लगातार बढ़ाती रही। प्रतिवादी ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई 17 मार्च को करते हुए अंतरिम राहत को आगे की तिथि तक के लिए बढ़ा दिया और याचिका को दूसरी खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए मुख्य न्यायमूर्ति के समक्ष भेज दिया। अब मुख्य न्यायमूर्ति के नामित करने के बाद दूसरी खंडपीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।