प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज शहर के कोचिंग संस्थानों में लाडलों की जान पर संकट का साया मंडरा रहा है। यहां तीन हजार से ज्यादा कोचिंग संस्थानों में से 90 फीसदी के पास आग से बचाव के इंतजाम ही नहीं हैं। सिर्फ 12 कोचिंग संस्थानों को ही अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल है। ऐसे में दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में आग जैसी घटना यहां हो गई तो नतीजे ज्यादा भयावह होंगे। अग्निशमन विभाग ने 10 संस्थानों को नोटिस देते हुए हफ्तेभर का चेकिंग अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
अग्निशमन विभाग ने फायर स्टेशन ऑफीसर सिविल लाइंस और नैनी के नेतृत्व में दो टीमें बनाई हैं। ये टीमें शहर में संचालित करीब तीन हजार कोचिंग संस्थानों की जांच करेंगी। जानकार बताते हैं कि कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण डीआईओएस कार्यालय में होना जरूरी है। हैरानी वाली बात है कि महज 1100 का ही पंजीकरण है। करीब 1900 संस्थान अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। कुल पंजीकृत में से सिर्फ 12 संस्थानों को ही अग्निशमन विभाग से एनओसी प्राप्त है। यानी, सिर्फ एक फीसदी में ही सुरक्षा के मानक पूरे हैं।
कोचिंग संस्थानों के पंजीकरण के लिए अग्निशमन विभाग से एनओसी जरूरी है, लेकिन संचालक इस नियम को ताक पर रखते हैं। अग्निशमन विभाग भी आंख मूंदे हुए है। दुर्घटना की स्थिति में नोटिस दिए जाते हैं। फिर सब बेफिक्र। यह स्थिति तब है, जबकि अधिकांश कोचिंग संस्थान सिविल लाइंस, कर्नलगंज व जार्जटाउन में यानी बीच शहर में हैं।
हमारे विभाग से 12 कोचिंग संस्थानों ने ही एनओसी ली है। एफएसओ सिविल लाइंस व नैनी के नेतृत्व में दो टीमें बनाई गई हैं। टीमें एक सप्ताह में कोचिंग संस्थानों की जांच करके अग्निसुरक्षा संबंधी इंतजाम सुनिश्चित कराएंगी। 10 कोचिंग सेंटराें को नोटिस भी जारी किया गया है। डीआईओएस को भी सूचित किया गया है। - डाॅ. आर के पाण्डेय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रयागराज