कश्मीर में एक ऐसा अद्भुत किला मौजूद है, जहां मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा आसपास मौजूद हैं। ऐसे में अब आप जब भी कश्मीर घूमने का प्लान बनाएं तो इस ऐतिहासिक जगह को एक्सप्लोर करना न भूलें..
कश्मीर की हसीन वादियों में घूमना आखिर किसे पसंद नहीं होता है। कश्मीर के खूबसूरत नजारे और ठंडी हवाओं का हर कोई लुत्फ उठाना चाहता है। इसलिए कई लोग साल में कम से कम एक बार तो कश्मीर घूमने का प्लान जरूर बनाते हैं। अक्सर जब हम कश्मीर की हसीन वादियों में घूमने का मन बनाते हैं, तो किसी शांति जगह की तलाश करते हैं। लेकिन क्या कभी आपने ऐतिहासिक जानकारी पाने के लिए कश्मीर को एक्सप्लोर करने का प्लान बनाया है।
अगर आपका जवाब नहीं है तो बता दें कि कश्मीर में एक ऐसा अद्भुत किला मौजूद है, जहां मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा आसपास मौजूद हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कश्मीर के इस ऐतिहासिक किले के बारे में बताने जा रहे हैं। ऐसे में अब आप जब भी कश्मीर घूमने का प्लान बनाएं तो इस ऐतिहासिक जगह को एक्सप्लोर करना न भूलें।
हरि पर्वत एक कश्मीरी किला है, जिसके कोह-ए-मारन के नाम से भी जाना जाता है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में डल झील के पश्चिम में यह किला मौजूद है। बताया जाता है कि इस किले का निर्माण 18वीं शताब्दी में एक अफगान गवर्नर अत्ता मोहम्मद खान ने करवाया था। जिसके बाद साल 1590 में मुगल बादशाह अकबर द्वारा एक लंबी दीवार का निर्माण कराया गया था।
बता दें कि यह ऐतिहासिक किला पत्थर के शिखर पर बना है। इस किले की वास्तुकला और रचनात्मकता देख आपको अचंभित रह जाएंगे। वहीं यह किला कश्मीरी संस्कृति और इतिहास की दृष्टि से भी काफी अहम है।
हरि किले के पास स्थित है मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा
हरि पर्वत किले के दामन में एक ओर शारिका देवी का मंदिर बना हुआ है, तो वहीं इस किले के दूसरी तरफ सुल्तानुल आरिफ शेख मखदूम साहब की जियारत मौजूद है। इसके अलावा हरि पर्वत किले के एक सिरे पर छठी पादशाही का गुरुद्वारा स्थित है। हालांकि इस किले में आम लोगों के जाने पर मनाही है। लेकिन इस किले के पवित्र स्थलों पर श्रद्धालुओं के साथ कश्मीर की वादियों में घूमने आने वाले सैलानियों का भी जमावड़ा लगा रहता है।
हरि पर्वत किला है पसंदीदा पर्यटन स्थल
कूह-ए-मारन को इसकी अद्भुत वास्तुकला और शांतिप्रिय व फेमस पर्यटक स्थल के रूप में भी जाना जाता है। यहां पर सैलानी प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए खूबसूरत वादियों का लुत्फ उठाते हैं। हालांकि जम्मू कश्मीर सरकार के पुरातत्व विभाग के अधीन इस किले का अनुरक्षण है। इस किले में घूमने के लिए पुरातत्व विभाग से परमिशन लेना जरूरी है।
कैसे पहुंचे हरि पर्वत किला
श्रीनगर रेलवे स्टेशन से इस किले की दूरी लगभग 17 किमी है। आप रेल की भी यात्रा कर कूह-ए-मारन को देखने के लिए पहुंच सकते हैं। वहीं अगर आप हवाई जहाज से इस जगह पर आना चाहते हैं तो किले से लगभग 16.7 किमी की दूरी पर श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मौजूद है। इसके अलावा आप यहां पर बस से भी पहुंच सकते हैं।