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गौमाता की दुर्दशा पर प्रशासन सख्त: प्रयागराज में ग्राम प्रधान, सचिव एवं बीडीओ निलंबित

SV News

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य जी के “गौमाता राष्ट्रमाता आंदोलन” से प्रेरित जनप्रतिनिधियों का संघर्ष रंग लाया

प्रयागराज (राजेश सिंह)। जनपद प्रयागराज की ग्राम सभा भरवारी, तहसील मेजा में गौमाताओं की दयनीय स्थिति पर उठी आवाज़ को आज एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई। सामाजिक कार्यकर्ता अमित पांडेय, नरनारायण सिंह वंशमणि पाण्डेय, शिव शंकर पाण्डेय विनोद मिश्रा, श्रीकांत शुक्ला नितिन पाण्डेय एवं अन्य ग्रामीणों द्वारा लगातार किए जा रहे जन-जागरूकता अभियान और प्रशासनिक ज्ञापनों के फलस्वरूप जिलाधिकारी महोदय ने ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव एवं खंड विकास अधिकारी (BDO) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
ज्ञात हो कि दिनांक 22 अप्रैल 2025 को दिए गए ज्ञापन में यह स्पष्ट किया गया था कि ग्राम की गौशाला में चारे, पानी और चिकित्सा के अभाव में अनेक गौमाताएं असमय मृत्यु को प्राप्त हो चुकी हैं, और शेष भी संकट में हैं। इसके पश्चात SDM द्वारा स्थलीय निरीक्षण भी किया गया जिसमें स्थिति की पुष्टि हुई, किंतु इसके बाद कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई थी।
आज जिलाधिकारी द्वारा की गई कड़ी कार्यवाही से स्पष्ट है कि प्रशासन अब इस विषय को गंभीरता से ले रहा है।
इस अभियान को प्रेरणा मिली है शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के “गौमाता राष्ट्रमाता आंदोलन” से, जिसने सम्पूर्ण भारतवर्ष में गोसंरक्षण की चेतना को जागृत किया है।
इसी भाव से प्रेरित होकर नरनारायण सिंह ने पूज्य शंकराचार्य जी को एक भावपूर्ण पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इस मामले को धार्मिक, राष्ट्रीय और संवैधानिक संकट मानते हुए प्रसंग को संज्ञान में लेने व आशीर्वाद प्रदान करने की प्रार्थना की है।
अमित पांडेय ने प्रशासनिक कार्यवाही का स्वागत करते हुए कहा कि यह केवल प्रारंभ है जब तक गौमाता को संरक्षित करने हेतु स्थायी व्यवस्थाएं नहीं बनतीं, यह संघर्ष जारी रहेगा।

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