सभी टीमें संतुलित हैं। लीग के लिए हमने जो प्रारूप अपनाया है, उसे देखते कोई भी एक टीम जीत की दावेदार नहीं है। हर टीम काफी प्रतिद्वंद्वी है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के सर्कुलर पर रोक लगाने के बाद जीपीबीएल के दूसरे सत्र में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी की अनुमति दे दी है। बीएआई ने खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में भाग लेने से परहेज करने के लिए कहा था..
राष्ट्रीय चौंपियन मिथुन मंजूनाथ ‘ग्रां प्री बैडमिंटन लीग (जीपीबीएल)’ के दूसरे सत्र के लिए खिलाड़ियों की नीलामी में सबसे अधिक रकम हासिल करने वाले खिलाड़ी बनकर उभरे। इस लीग का आयोजन यहां 27 अगस्त से नौ सितंबर तक होगा। बेंगलुरु के 25 साल के इस खिलाड़ी ने कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया ओपन में दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी लोह कीन यू को हराया था। मिथुन को टीम में शामिल करने के लिए बेंगलुरु टाइगर्स ने भी पूरा जोर लगाया लेकिन चेन्नई सुपरस्टार्स ने इस खिलाड़ी के लिए 14.5 लाख रुपये बोली लगाकर बाजी मार ली। मिथुन आइकन वर्ग के खिलाड़ियों में शामिल थे जिनका आधार मूल्य आठ लाख रुपये था। लीग में शामिल टीमों को दो से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को चुनने का विकल्प दिए जाने के बाद 15 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का भी चयन किया गया। बेंगलुरु टाइगर्स ने शिन बेक चेओल को दूसरी सबसे बड़ी बोली के साथ टीम में शामिल किया। कोरिया के इस खिलाड़ी के लिए फ्रेंचाइजी ने 14 लाख रुपये खर्च किये।
चेओल के हमवतन ली डोंग क्यून को गुजरात लायंस ने 13 लाख रुपये में खरीदा, जबकि विश्व चौंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता बी साई प्रणीत को नॉर्थईस्ट राइनोज ने 10 लाख रुपये में खरीदा। यूक्रेन की पोलीना बुहरोवा ने पांचवीं सबसे बड़ी बोली हासिल की। जिन्हें मुंबई वॉल्व्स ने नौ लाख रुपये में खरीदा। ड्राफ्ट में आगामी सत्र में आठ टीमों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 150 खिलाड़ियों की सूची में से 80 खिलाड़ियों का चयन किया गया। इस नीलामी के लिए 500 से अधिक खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया था। टूर्नामेंट की आठ फ्रेंचाइजी टीमों बेंगलुरु टाइगर्स, हैदराबाद हाउंड्स, चेन्नई सुपरस्टारज, गुजरात लायंस, केरल टस्कर्स, मुंबई वॉल्व्स, पुणे पैंथर्स और नॉर्थईस्ट राइनोज को इस नीलामी में अधिकतम 35 लाख रुपये खर्च करने की इजाजत थी। प्रत्येक टीम में एक आइकन खिलाड़ी, न्यूनतम दो टियर-एक खिलाड़ी, न्यूनतम दो टियर-दो खिलाड़ी और न्यूनतम दो महिला खिलाड़ी होती हैं। इसमें दो से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को चुनने का विकल्प नहीं होता है।
जीपीबीएल के आयुक्त प्रशांत रेड्डी ने कहा, ‘‘हमने ‘प्रति टीम अधिकतम दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों’ का नियम अपनाया क्योंकि हम चाहते थे कि अधिक से अधिक भारतीय खिलाड़ी जीपीबीएल का हिस्सा बनें।’’ भारत के पूर्व खिलाड़ी और लीग निदेशक अरविंद भट्ट ने कहा, ‘‘ फेंचाइजियों ने प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक रूप से अपनी टीमें बनाई हैं। सभी टीमें संतुलित हैं। लीग के लिए हमने जो प्रारूप अपनाया है, उसे देखते कोई भी एक टीम जीत की दावेदार नहीं है। हर टीम काफी प्रतिद्वंद्वी है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के सर्कुलर पर रोक लगाने के बाद जीपीबीएल के दूसरे सत्र में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी की अनुमति दे दी है। बीएआई ने खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में भाग लेने से परहेज करने के लिए कहा था।