क्या आपके कभी किसी देवी को अग्नि स्नान करते हुए देखा है। बता दें कि राजस्थान के उदयपुर की अरावली पहाड़ियों में स्थित ईडाणी माता मंदिर में हर साल खुद से आग लग जाती है। माता के अग्नि स्नान के बाद यह आग स्वयं ही बुझ जाती है..
हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जहां पर आपने अक्सर चमत्कार होते देखा या सुना होगा। इन मंदिरों में होने वाले चमत्कार का जवाब तो आज तक विज्ञान भी नहीं ढूंढ पाया है। बता दें कि ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान में स्थित है। इस चमत्कारी मंदिर का नाम ईडाणा माता मंदिर है। इस मंदिर में हर साल खुद-ब-खुद आग लग जाती है। आग लगने पर माता की मूर्ति को छोड़कर सब कुछ जल जाता है। कहा जाता है माता अग्नि स्नान करती हैं। यह उदयपुर शहर से 60 किमी दूर अरावली की पहाड़ियों में स्थित है।
देवी का अग्नि स्नान
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर में कभी भी आग लग जाती है। माना जाता है कि जब मां ईडाणा बेहद प्रसन्न होती हैं, तो वह अग्नि स्नान करती हैं। अग्नि स्नान के दौरान मंदिर की प्रत्येक वस्तु जलकर भस्म हो जाती है। फिर चाहे वह माता रानी की चुनरी हो, या भक्तों द्वारा चढ़ाया गया प्रसाद हो। मंदिर में सिर्फ माता की मूर्ति बचती है। बताया जाता है कि अग्नि स्नान के बाद मंदिर में लगी आग खुद से बुझ जाती है।
वहीं माता ईडाणा के अग्नि स्नान को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ एकत्र हो जाती है। लेकिन आज तक इस बात का पता कोई भी नहीं लगा पाया है कि मंदिर में यह आग कैसे और क्यों लगती है। इसके साथ ही जो भी भक्त माता के अग्नि स्नान के दर्शन कर लेता है। वह भक्त अपने आप को धन्य समझ लेता है।
मंदिर की मान्यता
स्थानीय राजा रजवाड़े अपनी कुलदेवी के रूप में ईडाणी माता की पूजा करते हैं। ईडाणी माता को चढ़ावे में लच्छा चुनरी और त्रिशूल चढ़ाया जाता है। मान्यता के अनुसार, जो भी भक्त पैरालाइसिस यानी लकवे जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं, वह माता के दरबार में जाते ही ठीक हो जाते हैं। वहीं जिन लोगों को संतान सुख नहीं मिलता वह दंपति इस मंदिर में झूला चढ़ाते हैं। झूला चढ़ाने से उन दंपति को संतान का सुख प्राप्त होता है।