मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 29 सितंबर 2023, शुक्रवार से पितृपक्ष शुरू हो रहा है। बता दें कि पितृपक्ष का भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से शुरू होता है। इस दौरान तर्पण, पिंडदान व श्राद्ध कर्म इत्यादि कार्य किए जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति प्राप्त होती है। साथ ही साधक पर उनका आशीर्वाद बना रहता है। मान्यता यह भी है कि पितृपक्ष की अवधि में दान-पुण्य करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य के समान फल की प्राप्ति होती है और जिन जातकों की कुंडली में पितृदोष के कारण समस्याएं उत्पन्न कर रही हैं, उन्हें भी लाभ प्राप्त होता है।
पितृपक्ष की अवधि में करें इन चीजों का दान-
ज्योतिषाचार्य पंडित कमला शंकर उपाध्याय (भुईपारा, मेजा, प्रयागराज) ने सूरज वार्ता प्रतिनिधि को बताया कि शास्त्रों में बताया गया है कि पितृपक्ष की अवधि में गौदान को सबसे श्रेष्ठ दान माना जाता है। मान्यता है कि गौ माता का दान करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितरों को श्रीहरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।
- महाभारत में यह भी बताया गया है कि पितृपक्ष के दौरान गुड़ का दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में मिठास आती है और पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है, जिससे कई प्रकार की समस्याएं दूर रहती है।
- श्राद्ध पक्ष के दौरान गाय के घी का दान अवश्य करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष है, उन्हें भी विशेष लाभ प्राप्त होता है।
- पितृपक्ष में चावल और तिल का विशेष प्रयोग किया जाता है। इसलिए किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को पितृपक्ष की अवधि में गेहूं, चावल अथवा तिल का दान अवश्य करें। ऐसा करने से पितृ दोष समाप्त होता है। साथ ही विभिन्न प्रकार के कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि पितृपक्ष के दौरान स्वर्ण दान को बहुत ही लाभकारी माना जाता है। इसलिए सामर्थ्य अनुसार व्यक्ति स्वर्ण दान कर सकते हैं। ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में उत्पन्न हो रहा विवाद दूर होता है।