राष्ट्रीय शिक्षा निकेतन लखनपुर,बालविकास जू 0हा0 जेरा, एसजीटी पब्लिक स्कूल मेड़रा और कस्तूरबा गांधी में मना हिंदी दिवस पखवाड़ा
कविता,निबंध,भाषण,स्लोगन व पोस्टर मेकिंग के जरिए बताई राष्ट्रभाषा की पहचान
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
हिंदी दिवस पर शिक्षण संस्थाओं में गुरुवार को प्रतियोगिताएं करवाई गई। इसमें हिंदी की महत्ता को बताते हुए इसके अधिकाधिक प्रयोग करने पर जोर दिया गया।इसी क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा निकेतन बालिका इंटर कालेज लखनपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी नित्यानंद उपाध्याय
ने कहा कि अंग्रेजी का विरोध व हिन्दी भाषा का विकास ऐसा नहीं हो सकता। पूरे देश में हिन्दी बहुतायत में बोली व समझी जाती है। उन्होंने बताया कि हिन्दी भाषा के साथ हमारी संस्कृति जुड़ी हुई है। कविता, स्लोगन, पोस्टर मेकिंग, कोलाज, लोकनृत्य प्रतियोगिताएं भी करवाई गई। सपा नेता लल्लन सिंह ने बताया कि हिन्दी ही राष्ट्र की एकता का मूल आधार है।पूर्व प्रधान अमौरा योगेंद्र सिंह ने कहा कि हिन्दी सिर्फ हमारी भाषा ही नहीं हमारी पहचान भी है। मेजारोड व्यापार मंडल अध्यक्ष पप्पू उपाध्याय ने बच्चों को हिन्दी दिवस के बारे में बताते हुए कहा हमारे देश में सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा हिन्दी है। इसलिए हिन्दी का सम्मान करना हम सब के कर्तव्य है। इससे पहले मुख्य अतिथि ने स्वतंत्रता दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली बालिकाओं को पुरस्कृत किया।कार्यक्रम का संचालन शिक्षाविद अनिल शुक्ल ने किया।अंत में विद्यालय के प्रबंधक स्वर्गीय कौशलेष तिवारी मणिनाथ तिवारी को याद करते हुए नमन किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रधान प्रतिनिधि लखनपुर संदीप तिवारी व राजीव मनी नाथ तिवारी ने अतिथियों का आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर धीरज दुबे, दिलीप तिवारी, शमी शुक्ला,अजय तिवारी,प्रशांत तिवारी,आकाश तिवारी,पार्थ तिवारी सहित आदि लोग मौजूद रहे।
इसी क्रम में बाल विकास जू 0हा0 जेरा में हिंदी दिवस मनाया गया।विद्यालय के प्रबंधक बीरेंद्र मिश्र ने कहा कि हिन्दी सिर्फ हमारी भाषा ही नहीं हमारी पहचान भी है। उन्होंने बताया कि हिन्दी भाषा न केवल हमारी राजभाषा है, अपितु यह हिन्दुस्तान का अलंकार है।कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हिन्दी दिवस पर सुलेख प्रतियोगिता करवाई गई। वार्डन सीतांजली ने कहा कि आज हर कोई सफलता पाने के लिए इंग्लिश भाषा को सीखना और बोलना चाहता है, क्योंकि हम देखते है कि आज हर जगह इंग्लिश भाषा की ही मांग शुरू है। लेकिन हमें अपनी मातृभाषा और राजभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमारे देश की भाषा और हमारी संस्कृति हमारे लिए बहुत मायने रखती है। हम अपनी राजभाषा को सम्मान दे और हमारी अगली पीढ़ी भी विदेशी भाषा की बजाए हमारी राजभाषा को जाने। बैकुंठ गिरी सर ने कहा कि भारत में वर्ष 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा के बहुमत से राजभाषा घोषित की गई। तब से यह 14 सितंबर को मनाया जाता है। इसी दिन हिन्दी को हमारे संविधान में राष्ट्रभाषा का दर्जा मिला था। 14 सितंबर 1953 में पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया। इस मौके पर अल्पना मिश्रा,सर्वेश,अतुल यादव भाईलाल और रीता आर्य मौजूद रहीं।
एसजीटी पब्लिक स्कूल मेंडरा में हिंदी दिवस धूमधाम से मनाया गया। संस्था के प्रिंसिपल पवन तिवारी ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है तथा ये हम सभी को जोड़ने का काम करते हुए देश में एकता फैलाने के लिए बहुत जरूरी है। हिंदी का साहित्य बड़ा महान है तथा भावी पीढ़ियों के नैतिक उत्थान के लिए इसकी साहित्यिक रचनाओं का अध्ययन करना बहुत जरूरी है।
इसके तहत स्कूल में कई कक्षागत गतिविधियों व प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया तथा स्कूल का सारा कार्यक्रम हिन्दी भाषा में सम्पन्न हुआ।
उन्होंने मातृभाषा में संवाद पर बल दिया व राष्ट्र भाषा के प्रचार व प्रसार का आह्वान किया।
उन्होंने छात्रों को बताया कि उन्हें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए। उन्हें सीखना भी जरूरी है, लेकिन अपने भावों को व्यक्त करने का माध्यम मातृभाषा ही होना चाहिए। इस मौके पर सभी शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।