प्रयागराज (राजेश सिंह)। आठ अक्तूबर को होने वाले एयर शो से पहले बृहस्पतिवार को भारतीय वायुसेना के शौर्य ने संगम पर हर किसी का ध्यान खींचा। चिनूक हेलिकॉप्टर ने संगम के अरैल घाट और रामघाट पर पोजीशन लेकर लहरों से संवाद किया। हेलिकॉप्टर के झोंके से उठती लहरों के साथ समुद्र तट सरीखा दृश्य नजर आया। राफेल ने कई बार मिसाइल गिराने का सीन दोहराया तो आसमान में रिंग बनाकर कलाबाजियां कीं।
संगम पर दोपहर दो बजे लड़ाकू विमानों का रिहर्सल आरंभ हुआ। सबसे पहले ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरकर राफेल आसमान को चीरते हुए संगम पहुंचा। इस दौरान विमान की गर्जना और उसकी रफ्तार ने पिंडदान करने वाले वंशजों से लेकर संगम पर उमड़े लोगों को टकटकी लगाने के लिए मजबूर कर दिया।
इसके बाद तीन मिग एक साथ झूंसी की ओर से हवा से बात करते चक्कर काटने लगे। इसी तरह मिराज और सूर्य किरण के 10 विमानों के समूहों ने खूब कलाबाजियां की। कई बार इंद्रधनुष बनाए तो समूहों में आमने-सामने होकर लोगों को दिल थामने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान एक से बढ़कर एक एयरक्राफ्ट और हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर भी रोमांचकारी प्रदर्शन से दर्शकों को लुभाते रहे।
शाम पांच बजे तक रिहर्सल से संगम के आसमान पर लड़ाकू विमानों की उड़ान से संगमनगरी गूंजती रही। परेड में क्रिकेट की पिच रही हो या फिर तीर्थ पुरोहितों की चौकियों पर पूजा पाठ, इस दौरान हर गतिविधि ठहर सी गई। पलक झपकते आसमान चीरकर निकलते राफेल और चेतक हर दृश्य को रोमांचक बनाते रहे। इस दृश्य को देखने के लिए किले के ऊपर तो सैकड़ों की भीड़ जमा ही रही, संगम से लेकर हर एक घाटों पर हजारों लोग उमड़ पड़े।
तिरंगा वाले पैराशूट से वायु सैनिकों ने किले के सामने लगाई छलांग
संगम पर बृहस्पतिवार को पैरा जंपिंग भी आकर्षण का केंद्र बनी रही। अरैल की तरफ से लड़ाकू जहाज की मदद से नौ पैराशूट एक साथ किले के ऊपर मंडराते नजर आने लगे। इस दौरान तिरंगे के अलावा नीले, सफेद, पीले रंग के पैराशूट आकर्षण का केंद्र बने रहे। दो और तीन के समूहों में जवानों ने किले के सामने छलांग लगाई तो वंदे मातरम और भारत माता की जय... के नारे गूंजने लगे।