प्रयागराज (राजेश सिंह)। हर व्यक्ति की अंतिम इच्छा यही होती है कि जीवन पूरा होने पर उसके परिवार वाले ही अंतिम संस्कार करें। लेकिन, कुछ बदनसीब ऐसे भी होते हैं, जिन्हें अपनों का कांधा तक नसीब नहीं हो पाता। न मौत की खबर उनके परिजनों तक पहुंच पाती है, न ही वह अंतिम यात्रा में शामिल हो पाते हैं। संगमनगरी में बीते पांच वर्षों में डेढ़ हजार से अधिक अज्ञात शव मिले, जिनमें बमुश्किल 283 की ही पहचान हो सकी।
पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि बीते पांच वर्षों में 1519 अज्ञात शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। 72 घंटे तक शवों को मोर्चरी में रखा गया, ताकि इनके घरवालों को तलाश किया जा सके। लेकिन, 1236 शवों की पुलिस पहचान नहीं करा सकी। इनका अज्ञात रूप में ही पुलिस ने अंतिम संस्कार कराया।
अज्ञात शवों की पहचान कराने की प्रक्रिया का पुलिस पालन नहीं कर रही। नियम है कि अज्ञात शव की तस्वीर अपने जिले के सभी थानों के साथ-साथ आसपास के जिलों की पुलिस को प्रेषित की जाएगी। इसमें मृतक का हुलिया, उसके कपड़े, कद-काठी, पहचान के निशान आदि जानकारी देने का प्रावधान है। जिस थानाक्षेत्र में शव मिला है, वहां की पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह आसपास के थानों में लापता लोगों की सूचना लेकर उन्हें अज्ञात शव मिलने की सूचना दे।
एसीपी झूंसी विमल किशोर मिश्र का कहना है कि अज्ञात शवों की पहचान के भरसक प्रयास किए जाते हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन को भी सूचनाएं भेजी जाती हैं। बावजूद इसके कई बार पुलिस उनके परिजनों को नहीं खोज पाती। इसमें किसी तरह की हीलाहवाली की बात भी सामने नहीं आई।
पुलिस ने नहीं...समाजसेवियों ने कराई पहचान
केस 1) घूरपुर थाना क्षेत्र के इरातदतगंज में चार फरवरी 2023 को फ्लाइओवर के नीचे बोरे में भरी एक अज्ञात युवक की लाश मिली। समाजसेवी आरिफ अंसारी ने मृतक की फोटो विभिन्न ग्रुपों में शेयर की। दूसरे दिन मृतक की पहचान जमील अहमद (45) के रूप में हो गई। वह मूलरूप से कौशाम्बी के सरायअकिल का रहने वाला था। परिजनों ने कौंधियारा थाने में महीनेभर पहले गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
केस 2) 20 जनवरी 2023 की बात है। शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में एक साधु की लाश मिली। पहचान नहीं हो पाने पर पुलिस ने उसके शव को मोर्चरी में रखवा दिया। पुलिस तो कुछ खास न कर सकी, लोगों ने ही तस्वीरें सोशल मीडिया में साझा कीं। दो दिन में ही शिनाख्त के प्रयासों का फल मिला। साधु की पहचान मिर्जापुर के राजगढ़ सीमरी सरसो निवासी शीतला प्रसाद उर्फ भुल्लन (62) के रूप में हुई।
पांच सालों के अज्ञात शवों के आंकड़े
वर्ष अज्ञात ज्ञात
2019 357 58
2020 245 45
2021 287 52
2022 305 63
2023 325 65