प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) द्वारा विद्युतीकरण की निविदा प्रक्रिया में ठेकेदारों के चयन विवाद के निपटारे के लिए मंगलवार को प्रदेश के विद्युत सुरक्षा निदेशक को तलब किया है। साथ ही रोक के बावजूद निविदा प्रक्रिया को अंतिम रूप दिए जाने की शिकायत पर पीडीए से हलफनामे पर स्पष्टीकरण मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने याची ठेकेदार फर्म प्रभावती इलेक्ट्रिक वर्क्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
याची फर्म के अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि पीडीए ने झूंसी पुलिया से कटका, एसआरएन अस्पताल से एमजी मार्ग, शांतिपुरम के सेक्टर ए से बेला कछार और पुराने यमुना पुल के नीचे एलईडी लाइट लगाने और अन्य विद्युतीकरण के कार्यों के लिए अक्तूबर में निविदा आमंत्रित की थी। जिसके लिए याची ने भी अपनी निविदा डाली थी।
ए श्रेणी का ठेकेदार होने के बावजूद पीडीए ने याची फर्म को तकनीकी आधार पर निविदा प्रक्रिया से बाहर कर दिया, जबकि याची ने अन्य ठेकेदारों के मुकाबले कम दर पर निविदा डाली थी। याची का आरोप था कि पीडीए ने मनचाहे ठेकेदार के चयन के लिए ए श्रेणी के अनुमोदित ठेकेदार होने की शर्त रखी थी, जिसका कहीं कोई प्रावधान नही है। इस बात की पुष्टि के लिए याची ने विद्युत सुरक्षा निदेशालय से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी, ए श्रेणी और अनुमोदित ए श्रेणी के ठेकेदार एक समान है।
मनमाने तरीके से जारी निविदा प्रक्रिया के खिलाफ याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 23 नवंबर को सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने निविदा प्रक्रिया को अंतिम रूप दिए जाने पर रोक लगाई थी। साथ ही विद्युत सुरक्षा निदेशालय से यह जानकारी तलब की थी कि ए श्रेणी ओर अनुमोदित ए श्रेणी एक ही है या अलग अलग है, लेकिन इस बीच पीडीए की ओर से निविदा खोल दी गई और मनचाहे ठेकेदार को काम भी सौंप दिया गया।
याची की ओर से अदालत में अवमानना प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया, तो कोर्ट ने पीडीए के अधिकारियों को को तलब किया था। कोर्ट ने हाजिर हुए अधिकारियों ने गोलमोल जवाब दिया तो नाराज कोर्ट ने मंगलवार तक हलफनामे पर स्पष्टीकरण दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही याची ठेकेदारों की श्रेणियों के विवाद की स्थिति स्पष्ट करने के लिए मंगलवार को विद्युत सुरक्षा निदेशक को कोर्ट ने तलब किया है। कोर्ट में हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को आदेश की सूचना विद्युत सुरक्षा निदेशक को चौबीस घंटे के भीतर देने का निर्देश भी जारी किया है।