गिरफ्तार सदस्यों से मिली जानकारी, 14 खातों का इस्तेमाल, गिरोह के सदस्यों के नाम एक भी नहीं
करोड़ों फ्राड गिरोह के दौ और सदस्यों को नैनी पुलिस ने पकड़ा
प्रयागराज (राजेश सिंह)। करोड़ों फ्राड मामले में नैनी पुलिस ने दो और गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गुरुवार को थाना प्रभारी नैनी यशपाल सिंह तोमर के नेतृत्व में अतिरिक्त निरीक्षक साजिद अली खान, दरोगा मनीष कुमार व दरोगा अभिनव उपाध्याय ने दो और गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार सदस्यों से पुछताछ की जा रही है।
बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के तार महादेव एप के धंधेबाजों से जुड़ने की भी बात सामने आई है। इस गिरोह का मुख्य कर्ताधर्ता भिलाई का राहुल साव है जो अभी फरार है। पकड़े गए सदस्य उसके बारे में सिर्फ इतनी जानकारी दे सके हैं कि उसने उप्र के साथ ही कोलकाता व बिहार के कई शहरों में भी मिनी कॉल सेंटर बना रखे हैं और वहीं से ठगी के पूरे खेल को संचालित कर रहा है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब तक कि जांच पड़ताल में राहुल साव का नाम ही गैंग के सरगना के तौर पर सामने आया है। पूछताछ में गैंग के सदस्यों ने बताया है कि राहुल ने बिहार के अरेराज पटना, गोपालगंज के भितभेरवा ग्राम थाना नगर, महाराजगंज के बभनी खुर्द थाना कोलही और कोलकाता के आसनसोल में भी मिनी काॅल सेंटर बना रखे हैं। इन कॉल सेंटरों का हेड उसने अपने कुछ विश्वासपात्र लोगों को बना रखा है। इनमें से ही मनीष राव उर्फ चिंटू निवासी आदर्शनगर हाउसिंग बोर्ड थाना जामुलमिलाई छत्तीसगढ़ महाराजगंज और शिवम सिंह निवासी गाजीपुर गोपालगंज का सेंटर का सारा काम देख रहे थे।
राहुल के बारे में गैंग के सदस्यों ने सिर्फ इतना बताया कि वह विदेश में बैठे कुछ लोगों की मदद से एप और वेबसाइट के जरिए ठगी का पूरा रैकेट संचालित करता है। हालांकि, उन लोगों के नाम आदि की जानकारी उन्हें नहीं है। पुलिस की ओर से राहुल की तलाश में टीमें लगा दी गई हैं। उधर बिहार में पकड़े गए शिवम ने पूछताछ में यह बताया है कि ठगी का यह पूरा खेल राहुल महादेव एप के धंधेबाजों से जुड़कर संचालित करता है। ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि इस खेल के तार अरबों की ठगी करने वाले महादेव बेटिंग एप के धंधेबाजों से जुड़े हैं।
सरगना ही डालता है एड, मुहैया कराता है खाता नंबर
गिरोह के सदस्यों ने पूछताछ में यह भी बताया है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम पर एड डालने से लेकर खाता नंबर मुहैया कराने का काम सरगना राहुल ही करता है। वह ही यह तय करता है कि सोशल मीडिया पर कब कौन सा एड डाला जाएगा। इसके साथ ही वह ही उन खातों का नंबर देता है, जिनमें ठगी से जमा कराई गई रकम भेजनी है। यह भी बताया कि राहुल से उनकी मुलाकात सिर्फ एक बार गोपालगंज में हुई थी। वहां राहुल ने ही उन्हें ट्रेनिंग दी और लैपटॉप व मोबाइल फोन भी उपलब्ध कराया। इसके बाद उनकी रिपोर्टिंग मनीष व शिवम को थी।
10 से एक फीसदी तक, सबका तय था कमीशन
पुलिस के मुताबिक, जांच में यह बात भी सामने आई है कि गिरोह में शामिल सभी सदस्यों को ठगी की रकम में से कमीशन दिया जाता था और यह 10 से लेकर एक फीसदी तक था। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि सबसे ज्यादा 10-10 फीसदी कमीशन मनीष व शिवम को मिलता था। इसके बाद विजय काे पांच फीसदी व अन्य को दो व एक फीसदी कमीशन रोजाना कमाई की रकम में से दी जाती थी। शेष पैसा सरगना राहुल के बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए जाते थे।
हाथ आते-आते रह गए शिवम व मनीष
सरगना राहुल के दो खास गुर्गे प्रयागराज पुलिस के हाथ आते-आते रह गए। दरअसल, दो दिन पहले तक यहां शिवम मौजूद था। अचानक कुछ काम आने से वह दो दिन पहले गोपालगंज चला गया था। जबकि मनीष राव उर्फ चिंटू व मनीष सोनी दोनों 10 जून को पुलिस के पहुंचने से कुछ देर पहले ही फ्लैट से निकले थे। शिवम व मनीष यहां चल रहे धंधे की रिपोर्ट लेने आए थे।