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भारतवंशी काश पटेल बने एफबीआई डायरेक्टर, अमेरिकी सीनेट से मिली मंजूरी

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एएनआई, वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट ने काश पटेल को संघीय जांच ब्यूरो के नए निदेशक के रूप में मंजूरी दे दी। इसके साथ ही 44 वर्षीय पटेल एफबीआई का प्रमुख बनने वाले पहले भारतीय अमेरिकी बन गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, काश पटेल को 51/47 वोट के साथ सीनेट की मंजूरी मिल गई।

ट्रंप के वफादार समर्थक हैं काश पटेल

काश पटेल ट्रंप के एक वफादार समर्थक माने जाते हैं और उन्होंने उनके पहले कार्यकाल में भी अहम भूमिका निभाई थी। आईएएनएस के अनुसार पटेल ने अमेरिकी सरकार के भीतर ष्डीप स्टेटष् के रूप में वर्णित तंत्र को खत्म करने की सक्रिय रूप से वकालत की है।

गुजराती मूल का है परिवार

बता दें कि काश पटेल का जन्म न्यूयॉर्क में एक गुजराती अप्रवासी परिवार में हुआ था, जो कि पूर्वी अफ्रीका से 1980 में न्यूयॉर्क के क्वींस में आकर बस गए थे। उनका परिवार मूल रूप से वडोदरा का रहने वाला है। हालांकि, माता-पिता माता-पिता यूगांडा में रहते थे। पटेल ने कानून की डिग्री हासिल की है और फ्लोरिडा में पब्लिक डिफेंडर के रूप में अपना करियर शुरू किया। यहां उन्होंने राज्य और संघीय अदालतों में लोगों का प्रतिनिधित्व किया।

ट्रंप के पिछले कार्यकाल में भी मिली थी अहम भूमिका

काश पटेल को डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान भी अहम जिम्मेदारी मिली और वह रूस की जांच के एफबीआई के संचालन में हाउस रिपब्लिकन में शामिल थे। उन्होंने एक विवादास्पद जीओपी ज्ञापन का मसौदा तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें ट्रम्प के 2016 के राष्ट्रपति अभियान की थ्ठप् की जांच में पक्षपात का आरोप लगाया गया था। यह दस्तावेज, जिसे अमेरिकी मीडिया द्वारा ष्काश मेमोष् के रूप में संदर्भित किया गया था, रूस की जांच के आसपास के पक्षपातपूर्ण संघर्ष में विवाद का एक महत्वपूर्ण बिंदु बन गया।

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