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रेखा गुप्ता पहली बार विधायक बनीं

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नई दिल्ली। 50 साल की रेखा गुप्ता जिंदल दिल्ली की नौवीं सीएम होंगी। भाजपा विधायक दल की बैठक में बुधवार को उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। वे दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से विधायक हैं।

उन्होंने आप की वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया। रेखा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  और आरएसएस से जुड़ी हैं। दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के तौर पर आरएसएस ने रेखा गुप्ता का नाम आगे बढ़ाया था और पार्टी ने उस पर मुहर लगा दी। रेखा ने छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत की, दो बार विधायक का चुनाव हार चुकी हैं। फिर भी 3 वजहें हैं, जिसके चलते उन्हें मुख्यमंत्री चुना गया...

पहली वजह- केजरीवाल की तरह वैश्य

रेखा भी पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह वैश्य हैं। दिल्ली में वैश्य समुदाय व्यापार में होल्ड रखता है। ये हमेशा बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है। इसी वजह से भाजपा के तीन नेताओं के नाम सीएम पद की दौड़ में थे। इनमें रेखा गुप्ता के अलावा विजेंद्र गुप्ता और जीतेन्द्र महाजन का नाम था।

दूसरी वजह- महिला वोट

दिल्ली महिला विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 48 सीटें जीतीं, कुल 45.56ः वोट मिला। इसका बड़ा कारण यह भी रहा कि भाजपा ने महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा की थी।

पांच बड़ी घोषणाएं...

हर महीने 2500 रुपए की आर्थिक मदद। जो 8 मार्च यानी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस से मिलना शुरू हो सकता है। दिल्ली में घरेलू मेड के कल्याण के लिए बोर्ड बनाने का ऐलान किया। गरीब महिलाओं को सिलेंडर पर 500 रुपए की सब्सिडी, होली-दीवाली पर एक-एक मुफ्त सिलेंडर। मातृ सुरक्षा वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को रूपये 21 हजार और 6 पोषण किट। महिलाओं को फ्री बस सर्विस की भी सुविधा दी है।

तीसरी वजह- महिला मुख्यमंत्री बनाना था

दिल्ली में अब तक 3 महिला सीएम शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी रही हैं। भाजपा ने रेखा को सीएम बनाकर महिलाओं को साधने की कोशिश की है। रेखा गुप्ता आरएसएस की पसंद हैं। सूत्रों के मुताबिक, विधायक दल की बैठक के पहले त्ैै ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे भाजपा ने मान लिया। च्ड मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा ब्ड नायब सैनी जैसे भाजपा दिग्गजों ने उनके लिए प्रचार किया था।

कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने एक्स पर ये तस्वीर पोस्ट की। उन्होंने लिखा-1995 की यह यादगार तस्वीर, जब मैंने और रेखा गुप्ता ने एक साथ शपथ ग्रहण की थी- मैंने एनएसयूआई से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी और रेखा ने एबीवीपी से महासचिव पद पर जीत हासिल की थी।

कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने एक्स पर ये तस्वीर पोस्ट की। उन्होंने लिखा- 1995 की यह यादगार तस्वीर, जब मैंने और रेखा गुप्ता ने एक साथ शपथ ग्रहण की थी- मैंने एनएसयूआई से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी और रेखा ने एबीवीपी से महासचिव पद पर जीत हासिल की थी।

रेखा के दादा मनीराम और परिवार के लोग हरियाणा के जुलाना में रहते थे। उनके पिता जयभगवान 1972-73 में बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर बने। उन्हें दिल्ली में ड्यूटी मिली। इसके बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। रेखा की स्कूली पढ़ाई दिल्ली में ही हुई। उन्होंने दिल्ली के ही दौलत राम कॉलेज से बीकॉम किया। इसके बाद एलएलबी की पढ़ाई भी की। उन्होंने कुछ समय तक वकालत भी की।

रेखा के नाम कोई कार नहीं, कुल रूपये 5.3 करोड़ की संपत्ति

चुनावी हलफनामे के मुताबिक, रेखा गुप्ता की कुल संपत्ति रूपये 5.3 करोड़ की है। जिसमें देनदारियां रूपये 1.2 करोड़ और 1 लाख 48 हजार कैश है। बैंक अकाउंट में रूपये 72.94 लाख डिपॉजिट है। रेखा ने कई कंपनियों के शेयर भी ले रखे हैं, जो ₹9.29 लाख से के हैं। इनके पास स्प्ब् में ₹53 लाख का इंवेस्टमेंट हैं।

रेखा गुप्‍ता के नाम पर कोई कार नहीं है। उनके पति मनीष गुप्ता के नाम पर मारुति की ग्स्6 कार है। रेखा के पास 225 ग्राम की गोल्ड ज्‍वैलरी है, जिसकी कीमत 18 लाख रुपए है। रेखा के पास कुल 2 करोड़ 72 लाख की चल संपत्ति है। अचल संपत्तियों में रोहिणी और शालीमार इलाके में एक-एक घर है। रोहिणी दिल्‍ली में इनके पति के नाम पर भी एक घर है। इन घरों की कुल कीमत 2 करोड़ 60 लाख रुपए है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया है। भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर 26 साल बाद सत्ता में वापसी की। आम आदमी पार्टी को 40 सीटों का नुकसान हुआ और वह 22 सीटों पर सिमट गई। इस बार भाजपा ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा, 48 सीटें जीतीं। यानी 71ः स्ट्राइक रेट के साथ उसकी 40 सीटें बढ़ीं। वहीं आपस्ट्राइक रेट 31ः रहा और उसे 40 सीटों का नुकसान हुआ।

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