सैदाबाद, प्रयागराज (कार्तिकेय यादव)। क्षेत्र के किसानों जहां दिन रात एक करके खेती कर रहे है जहां भीषड़ ठंड में रात रात भर फसलों की सिंचाई किए दिन में क्या खादों की छिटाई, क्या दवा का छिड़काव बस इन्हीं सब में जुट रहे वही दूसरी तरफ मौका मिलते ही जंगली जानवरों ने फसलों में ही अपने कुश्ती का अखाड़ा बना रखें है।
समाजसेवी किसान अरुण बहादुर यादव (मुन्नू) ने बताया कि उसमापुर , गढ़वा, पूरेखुदी, बढ़ौली, इंद्रवार , हरिहरपुर व गंगापुर के हजारों परिवारों का खेती ही एकमात्र सहारा है जहां जंगली जानवरों का आतंक बहुत ही अधिक दिखता है। उन्होंने आगे कहा कि आज के दौर में किसानों की दुर्दशा बढ़ती जा रही है खेती के बदौलत अधिक से अधिक किसानों का जीवन यापन चलता है। बीते वर्षों जंगली सुअरों के आतंक से आलू की फसल में किसानों ने घर की पूंजी गवां दिए लेकिन आलू एक भी नसीब में नहीं आया वहीं अब कही जंगली सुअरों ने तो कही नीलगायों ने गेहूं और सरसों के फसल में ही अपने कुश्ती का अखाड़ा बना ले रहे हैं जिसके वजह गरीब किसानों के जीवन यापन में बड़ी मुश्किलें उत्पन्न होती जा रही है।
समाजसेवी किसान अरुण बहादुर यादव के साथ अन्य किसानों में भी आक्रोश दिखा जिसमें अमर बहादुर यादव, शीतला प्रसाद यादव (ननकऊ),देशराज पाण्डेय, राजू पयासी, रमाकांत पटेल, तीर्थराज पटेल, अमरेश पाल, हरीशचंद्र पाल, पारसनाथ यादव, बब्बू पांडेय, कुंवर मिश्र, रामजियावन विश्वकर्मा सहित अन्य किसान मौजूद रहें।