प्रयागराज (राजेश शुक्ल)। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में सम्मिलित हो रहे छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन में जेंडर, विषय, नाम में अशुद्धि होने पर यूपी बोर्ड डीआइओएस से साक्ष्य मंगवाकर सुधार तो करा रहा है, लेकिन इस अशुद्धि के लिए जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। जिन विद्यालयों से रजिस्ट्रेशन में अशुद्धि होने पर उसे शुद्ध करने के प्रकरण क्षेत्रीय कार्यालयों में आए हैं, उनके प्रधानाचार्यों को यूपी बोर्ड में आकर जवाब देना होगा कि अशुद्धि क्यों रह गई थी। उन्हें नोटिस भेजा जाएगा।
इस अशुद्धि के कारण छात्र-छात्राओं को परेशानी हो रही है। जेंडर में अशुद्धि के कारण जहां परीक्षा केंद्र को लेकर अड़चन है, वहीं परिणाम के बाद अंकपत्र/प्रमाणपत्र में संशोधन के लिए परीक्षार्थियों को क्षेत्रीय कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसी तरह नाम में त्रुटि होने पर अंकपत्र/प्रमाणपत्र मिलने के बाद नाम संशोधन के लिए परीक्षार्थियों को परेशान होना पड़ता है। विषय में गड़बड़ी के कारण परीक्षा प्रभावित होगी। ऐसे में बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने नाम, जेंडर और विषय में अशुद्धि को ठीक कराने के अवसर परीक्षार्थियों को दिए हैं। इसके लिए डीआइओएस के माध्यम से प्रस्ताव क्षेत्रीय कार्यालय में लिए जा रहे हैं। इसके लिए शनिवार तक का दिया गया समय समाप्त हो गया।
संशोधन के प्रकरणों की संख्या बोर्ड सचिव ने क्षेत्रीय अपर सचिवों से मांगी है। सचिव का कहना है समय दिए जाने के बावजूद छात्र-छात्राओं के विवरण में अशुद्धियां रह जाना ठीक नहीं है। परीक्षार्थियों के हित को ध्यान में रखकर संशोधन कराए जाएंगे, लेकिन समय दिए जाने के बावजूद अशुद्धि ठीक नहीं किए जाने का जवाब संबंधित प्रधानाचार्यों को बोर्ड में आकर देना होगा। संबंधित प्रधानाचार्यों को नोटिस भेजा जाएगा। दोष के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी, साथ ही जिन कारणों से अशुद्धियां रह गई हैं, उसे जानने के बाद अगली परीक्षाओं में उसे पहले ही दूर कराने के प्रबंध बोर्ड करेगा, ताकि परीक्षा के दौरान ऐसी स्थिति पुनरू उत्पन्न न होने पाए।
परीक्षार्थियों के विवरण ठीक कर जारी किए जाएंगे नए प्रवेशपत्र
यूपी बोर्ड वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में सम्मिलित हो रहे उन छात्र-छात्राओं के विवरण सुधारने के साथ नए प्रवेश पत्र जारी करेगा, जिनके रजिस्ट्रेशन में नाम, जेंडर व विषय संबंधी अशुद्धियां हैं। संशोधन के लिए विद्यालयवार समस्त आवश्यक अभिलेख क्षेत्रीय कार्यालयों में उपलब्ध कराए जाने के निर्देश बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने सभी डीआइओएस को दिए हैं। इसके लिए अंतिम तिथि 11 फरवरी से बढ़ाकर 15 फरवरी कर दी गई है, ताकि परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान या परीक्षा के बाद परेशान न होना पड़े।