क्या आप जानते हैं कि ग्रहण काल के दौरान जब अधिकतर मंदिर बंद हो जाते हैं, तो वहीं कुछ ऐसे भी मंदिर हैं, जो ग्रहण काल के दौरान खुले रहते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि ग्रहण काल के दौरान खुले रहते हैं...
सनातन धर्म में ग्रहण लगना अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए इस दौरान अधिकतर काम करना वर्जित माना जाता है। बताया जाता है कि ग्रहण काल के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक होने की वजह से कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। वहीं प्रेग्नेंट महिलाओं को बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। वहीं सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे और चंद्र ग्रहण लगने से करीब 9 घंटे पहले सूतक लग जाते हैं। इस दौरान भगवान को छूने और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है। इसलिए सूतक लगते ही घर में बने मंदिर और बाहर सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं।
वहीं ग्रहण खत्म होने के बाद पानी और गंगाजल से धुलाई के बाद ही भगवान की पूजा-अर्चना शुरू होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्रहण काल के दौरान जब अधिकतर मंदिर बंद हो जाते हैं, तो वहीं कुछ ऐसे भी मंदिर हैं, जो ग्रहण काल के दौरान खुले रहते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि ग्रहण काल के दौरान खुले रहते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर
मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर को बाबा महाकाल का शहर भी कहा जाता है। यह मंदिर ग्रहण काल के दौरान में भी खुला रहता है। धार्मिक मान्यता है कि बाबा महाकाल स्वयं कालों के काल हैं और संपूर्ण मंडल के स्वामी हैं। इसलिए महाकाल पर ग्रहण का कोई असर नहीं होता है। हालांकि ग्रहण के दौरान शिवलिंग को स्पर्श करना वर्जित माना जाता है। वहीं आरती के समय में भी परिवर्तन कर दिया जाता है। वहीं इस मंदिर में दर्शन करने आने वाले हर भक्त की सभी मनोकामना पूरी होती हैं।
श्रीनाथ जी मंदिर
राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा शहर में बसा श्रीनाथजी मंदिर काफी फेमस है। यह मंदिर उदयपुर से करीब 50 किमी दूर है। इस मंदिर की मूर्ति पहले मथुरा में हुआ करती थी। लेकिन मुगल शासक औरंगजेब के कारण इसको नाथद्वार लाया गया था। इस मंदिर में कई बड़ी और फेमस हस्तियां दर्शन के लिए पहुंचती हैं। बता दें कि यह मंदिर भी ग्रहण काल के दौरान खुला रहता है। ग्रहण के दौरान सिर्फ दर्शन होते हैं और अन्य कामों की मनाही होती है। धार्मिक मान्यता है कि श्रीनाथ भगवान ने गिरिराज पर्वत उठाकर सभी ब्रजवासियों को देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाया था। ठीक उसी तरह श्रीनाथ ही अपने भक्तों की भी रक्षा करते हैं।
कालकाजी मंदिर
सिद्ध शक्तिपीठों में शामिल कालकाजी मंदिर भी काफी ज्यादा फेमस है। यहां मां के चमत्कारी मंदिरों में से एक है। जहां एक ओर ग्रहण लगने पर दिल्ली के सारे मंदिर बंद हो जाते हैं। तो वहीं कालकाजी मंदिर इस दौरान भी खुला रहता है। मान्यका है कि सभी ग्रह और नक्षत्र मां कालका के नियंत्रण में हैं। इसलिए उन पर ग्रहण का कोई असर नहीं होता है।
कल्पेश्वर तीर्थ
बता दें कि देवभूमि उत्तराखंड में भी ग्रहण के दौरान केदारनाथ, बद्रीनाथ मंदिर आदि बंद होते हैं। लेकिन इस दौरान भोलेनाथ को समर्पित कल्पेश्वर तीर्थ ग्रहण के दौरान भी श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। पौराणिक मान्यता है कि इस पवित्र स्थान से महादेव ने अपनी जटाओं से मां गंगा के प्रवाह को कम किया था।