प्रयागराज (राजेश सिंह)। महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और गांव में ही रोजगार देने के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन की ओर से सोलर पैनल व सोलर लाइट की देखरेख का जिम्मा अब सूर्य सखियां संभालेंगी। गुजरात की तर्ज पर सूर्य सखी योजना अब यहां भी लागू होगी। इसके तहत जिले की 1540 ग्राम पंचायतों में सूर्य सखी का चयन किया जाएगा।
सूर्य सखी के लिए आवेदन सिर्फ स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं ही कर सकेंगी। पीएम सूर्य घर योजना के अलावा कुसुम योजना के तहत हर गांव में लोग अपने-अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगवा रहे हैं। ऐसे में सरकार की मंशा है कि सोलर पैनल की देखरेख के लिए समूह की महिलाओं को जोड़ कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाए। ऐसे में जल्द ही हर ग्राम पंचायतों में सूर्य सखी की तैनाती की जाएगी।
चयनित सूर्य सखी को सोलर पैनल की देखरेख और मरम्मत के लिए प्रशिक्षण देकर उन्हें गांवों में लगवाई जा रही सोलर लाइट और सोलर पैनल के रख रखाव और संरक्षण की जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि पैनल खराब होने पर उसकी मरम्मत की जा सके। इसके लिए उन्हें 2.5 प्रतिशत कमीशन भी दिया जाएगा। बशर्ते राज्य आजीविका मिशन के तहत चयनित होने वाली सूर्य सखी की महिलाओं को समूह के नियमों का पालन करना होगा।
जिले में हैं महिलाओं के 25 हजार स्वयं सहायता समूूह
जिले में महिलाओं के करीब 25 हजार स्वयं सहायता समूह हैं। प्रत्येक समूह से दस महिलाएं जुड़ी हैं। महिलाएं जैसे बीसी सखी, बिजली सखी, सोलर सखी, समूह सखी हैं, ठीक उसी तर्ज पर सूर्य सखी बनेंगी।
गुजरात की तर्ज पर जिले में सूर्य सखी का चयन किया जाएगा। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं ही इसके लिए पात्र होंगी। सरकार की मंशा है कि महिलाओं को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसके तहत उन्हें सोलर लाइट और सोलर पैनल के रख रखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए उन्हें 2.5 प्रतिशत कमीशन भी दिया जाएगा। - आरके सिंह, उपायुक्त, राष्ट्रीय आजीविका मिशन।