लखनऊ। मनरेगा श्रमिकों की उपस्थिति में गड़बड़ी रोकने के लिए अब तीन स्तरीय निगरानी कराई जाएगी। केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद इसके संबंध में ग्राम्य विकास विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इनके तहत मौजूदा कर्मचारियों के साथ जिला और विकास खंड स्तर पर नेशनल मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम के तहत निगरानी प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा, जो अपलोड किए गए उपस्थिति संबंधी फोटो की दैनिक जांच, सत्यापन और गड़बड़ी की रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार होंगे।
पंचायत स्तर पर अपलोड तस्वीरों व उपस्थिति का ग्राम रोजगार सेवक व पंचायत सचिव द्वारा शत-प्रतिशत सत्यापन किया जाएगा। ब्लाक स्तर पर कार्यक्रम अधिकारी प्रत्येक 200 तस्वीरों या अपलोड की गई तस्वीरों के 20 प्रतिशत की जांच करेंगे।
जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा 30 तस्वीरों, जिला स्तरीय स्थायी कर्मी के द्वारा 100 तस्वीरों या अपलोड की गई तस्वीरों का 10 प्रतिशत और जिला स्तरीय संविदा कर्मी-आउट सोर्स कर्मचारी के द्वारा 200 तस्वीरों की जांच की जाएगी। ये सभी जांच रैंडम होंगीं।
अपलोड की गई सभी तस्वीरें व श्रमिकों की उपस्थिति का विवरण अनिवार्य रूप से डाउनलोड करके जिला कार्यालय की हार्ड डिस्क में संरक्षित किया जाएगा। निर्देशों में कहा गया है कि नव विकसित प्रणाली लागू होने तक, जिलों में मैन्युअल सत्यापन प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए।