प्रयागराज (राजेश सिंह)। राजस्थान के नागौर निवासी प्रेमाराम, मुकुंदगढ़ के चेतन अलवर के संदीप, ईश्वर सिंह, हेम सिंह ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर उन्हें बुलाया गया था। 15 दिन पहले उन्हें यहां पर बुलाया गया था। नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एसओजी और नैनी पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से एक कार, एक दर्जन मोबाइल, लैपटॉप बरामद किया गया है। पकड़े गए सभी अभियुक्त राजस्थान के हैं। यह सभी नैनी में एक मकान किराए पर लेकर यहां पर अपना सिंडिकेट चलाते थे।
राजस्थान के नागौर निवासी प्रेमाराम, मुकुंदगढ़ के चेतन अलवर के संदीप, ईश्वर सिंह, हेम सिंह ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर उन्हें बुलाया गया था। 15 दिन पहले उन्हें यहां पर बुलाया गया था। प्रयागराज जंक्शन पर पहुंचते ही रैपीडो से उन्हें एक निश्चित स्थान पर बुलाया जाता था और 26000 रुपये प्रतिमाह पर नौकरी दिलाने के नाम पर और 1100 रुपये फॉर्म भरने के नाम पर जमा कर दिया जाता था। उसके बाद उन्हें एक कमरे में बंधक बना दिया जाता था, जहां प्रशिक्षण के नाम पर 18 हफ्ते रहने के लिए कहा जाता था। फिर बाद में उनसे रिश्तेदारों का नंबर लेकर उन्हें फोन कराया जाता था कि मेरी सरकारी नौकरी लग गई है।
तुम लोग भी आओ और नौकरी मिल जाएगी। इस पर और संख्या में लोग वहां पहुंच जाते थे और उन्हें भी बंधक बनाकर रखा जाता था। बाद में यह कह के भगा दिया जाता था कि तुम इंटरव्यू में फेल हो गए हो तुम्हारी नौकरी नहीं लगेगी। मौके पर लगभग उनके बयान पर मुकदमा दर्ज का 15 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अभी पीड़ितों का बयान दर्ज कर रही है।
आरोपितों को मेडिकल जांच के लिए सीएचसी चाका भेजा गया है। इंस्पेक्टर नैनी ब्रिज किशोर गौतम का कहना है कि पकड़े गए आरोपी राजस्थान निवासी रविंद्र कुमार, अनीश, अमित कुमार, सुमित कुमार, सोनू विश्वकर्मा, राजूराम, राजकुमार रोयल, सोनू यादव, विश्वजीत, शिवराज सिंह, सुमित, बालाराम मीणा, मोहित, साहिल, मनोज को गिरफ्तार किया गया है। प्रियांशु राव और विजय चौहान मौके से फरार हो गए हैं।
