पटना। लोकआस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ पर राजधानी पटना के गंगा घाटों समेत विभिन्न स्थायी-अस्थायी तालाबों और पार्कों में श्रद्धालुओं एवं छठव्रतियों के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं।
शुक्रवार को 93 नंबर घाट पर आयोजित संयुक्त ब्रीफिंग में प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम, एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा व नगर आयुक्त यशपाल मीणा ने बताया कि जिले में गंगा व सहायक नदियों के लगभग 550 घाटों पर छठ किया जाता है। इसके अलावा पार्क एवं स्थायी-अस्थायी तालाबों में भी छठ किया जाता है। नगर निगम क्षेत्र में गंगा किनारे के लगभग 102 घाट तथा करीब 45 पार्क व 63 तालाबों में छठ व्रत की व्यवस्था की गई है। शहरी क्षेत्रों के घाटों पर आवश्यक नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ सुरक्षा एवं आपदा नियंत्रण के विशेष प्रबंध किए गए हैं।
सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-प्रबंधन के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुसार तेज़ी से तैयारियां जारी हैं जो अंतिम चरण में हैं। किसी भी तरह की आपदा की आकस्मिकता से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 9 टीम (277 सदस्य), एसडीआरएफ की 9 टीम (36 सदस्य), 444 गोताखोर, 323 नाव-नाविक के अलावा सिविल डिफेंस के 149 वालंटियर्स तैनात किए गए हैं। रिवर पेट्रोलिंग भी की जाएगी। बिना अनुमति नावों का परिचालन प्रतिबंधित है। अवैध रूप से नाव परिचालन करने वालों के विरूद्ध सख़्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
हर घाट पर शौचालय, यूरिनल, नल, पानी टैंकर समेत मूलभूत सुविधाएं
छठव्रतियों को स्वच्छता, पेयजल व विश्राम जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम व जिला प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए गए हैं। नगर निगम क्षेत्र के 102 गंगा घाटों, 45 पार्कों व 63 तालाबों पर कुल 552 अस्थायी शौचालय, 450 अस्थायी यूरिनल, 185 नल, 50 पानी के टैंकर, 37 चापाकल, 20 सबमर्सिबल मोटर, पीवीसी टैंक नल सहित, 400 अस्थायी चेंजिंग रूम, 13 यात्री शेड, 112 नियंत्रण कक्ष, 13 सहायक नियंत्रण कक्ष, 171 वाच टावर की व्यवस्था की गई है। शहरी क्षेत्र के अतिरिक्त सभी अनुमंडलों में अनुमंडल पदाधिकारियों की निगरानी में घाटों पर आवश्यक नागरिक सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
सुरक्षा व आपदा प्रबंधन की पुख्ता व्यवस्था
जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार भीड़-प्रबंधन व श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष बलों की तैनाती की है। एनडीआरएफ की 9 टीमें (277 सदस्य), एसडीआरएफ की 9 टीमें (36 सदस्य), 444 गोताखोर, 323 नाव-नाविक व सिविल डिफेंस के 149 वॉलिंटियर्स को घाटों व जलाशयों के आसपास तैनात किया जाएगा। रिवर पेट्रोलिंग की विशेष व्यवस्था रहेगी ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत राहत कार्य शुरू हो सके।
आपात स्थिति में नजदीकी नियंत्रण कक्ष में करें संपर्क
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि घाटों की सफाई, प्रकाश व्यवस्था, बैरिकेडिंग व अप्रोच रोड की मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। अधिकांश जगहों पर कार्य अंतिम चरण में है।
अधिकारियों का कहना है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है। छठव्रतियों और श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा बनाए गए सुरक्षा नियमों का पालन करें, गहरे पानी में न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में नज़दीकी नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें। श्रद्धालु केवल सुरक्षित घाटों का ही उपयोग करें और निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करें।


 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
